बिजासन मेले में 14 वर्षीय बच्ची कनक की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। वह छोटे भाई नयन के साथ झूला झूल रही थी। कनक रववासी के पिता पवन ने कहा कि बच्चों को करंट लगा था। सोमवार को पुलिस ने पीएम करवाया तो कहानी कुछ और निकली। पीएम करने वाले डाक्टर ने मिर्गी का दौरा पड़ना बताया है।
हातोद निवासी पवन (इलेक्ट्रिशियन) रविवार रात करीब 10 बजे दोनों बच्चों और पत्नी के साथ बिजासन माता मंदिर में दर्शन करने गए थे। बच्चों के झूला झूलने की जिद करने पर उन्हें झूले में बैठा दिया। पत्नी-पत्नी भी झूले के पास में खड़े थे। अचानक कनक की तबीयत बिगड़ गई। स्वजन अस्पताल ले गए लेकिन डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
सोमवार को एमवाय अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ तो डाक्टर ने कहा कि कनक की मौत करंट से नहीं, बल्कि ब्रेन पैथोलाजी (मिर्गी का दौरा) से हुई है। एरोड्रम टीआइ राजेश साहू के मुताबिक, फिलहाल मर्ग कायम हुआ है। स्वजन के विस्तृत कथन शेष है। रात को करंट लगने की सूचना दी थी।

झूले से उतरते वक्त बेटी को लगा करंट
पवन इलेक्ट्रिशियन है। उन्होंने बताया कि कनक जैसे ही झूले से उतरने लगी, उसे करंट लग गया। मैं बचाने के लिए अंदर दौड़ा तो मुझे भी झटका लगा। बच्चा भी साथ में बैठा था। उसे तो मैंने छुड़ा लिया। कनक को खींचा लेकिन वह चिपक गई। मुश्किल से उसको निकाला। उसे एक तरफ किया और 60 फीट रोड़ के निजी अस्पताल लेकर गए। कुछ लोगों ने बताया कि झूला झूल रहे कुछ अन्य बच्चों को भी करंट लगा था। उस जगह खुले तार भी पड़े हुए थे। बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिसवाले भी मौजूद थे। बच्ची को मुझे बाइक से ले जाना पड़ा। मौके पर एंबुलेंस भी नहीं मिली।