मेरठ: अवैध मकानों को पुलिस ने बुलडोजर चलवाकर किया ध्वस्त

मेरठ में अवैध निर्माण पर पुलिस प्रशासन लगातार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है। शनिवार को सरधना तहसील के इंचौली थानाक्षेत्र में लावड़ स्थित अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया गया। क्षेत्र में सरकारी तालाब की जमीन पर बने अवैध मकानों पर पुलिस ने बुलडोजर चलवाकर उसे ध्वस्त करा दिया।

इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। मकान मालिक व घर की महिलाओं ने कार्रवाई का काफी विरोध किया लेकिन पुलिस के आगे किसी की एक न चली और देखते ही देखते मकान मलबे में बदल गए। पुलिस ने मकान के एक कमरे में भूसा भरा होने के कारण उसे खाली करने के लिए मकान मालिक को एक दिन का समय दिया है। वहीं एक युवती मकान को जमींदोज होता देख बेहोश हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अवैध मकान पर चला बुलडोजर

मेरठ के लावड़ में जमालपुर गांव में तालाब पर अवैध रूप से सालों से चले आ रहे अतिक्रमण पर शनिवार को शासन का बुलडोजर जमकर गरजा। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध निर्माणों को जमींदोज कर दिया गया। इस दौरान हल्का विरोध भी हुआ, लेकिन पुलिस प्रशासन के सामने अवैध निर्माण करने वालों की एक नहीं चली।

अधिकारियों से हुई नोकझोंक

नायाब तहसीलदार जितिन गोस्वामी ने बताया कि जमालपुर गांव में खसरा संख्या 653 पर अवैध रूप से बिजेंदर, राजेंद्र और रणजीत सिंह ने कब्जा कर निर्माण कर रखे थे। शिकायत मिलने पर मामले की जांच की गई। जांच में खसरा संख्या तालाब की पाई गई, जिस पर लगातार अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किए जा रहे थे।

अवैध मकान पर चला बुलडोजर

नोटिस दिए जाने के बावजूद भी तीनों ने ना तो निर्माण गिराए ना ही तालाब की जमीन से कब्जा छोड़ा। शनिवार को अधिकारियों के आदेश पर उनके नेतृत्व में लेखपाल व थाना पुलिस बुलडोजर लेकर गांव पहुंची। उन्होंने तीनों व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से बनाए गए निर्माणों को बुलडोजर की सहायता से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान हल्का विरोध भी हुआ। हालांकि पुलिस के सामने उनकी एक नहीं चली।

अवैध मकान पर चला बुलडोजर

नायब तहसीलदार ने चेतावनी दी कि यदि सरकारी कार्य में कोई बाधा पहुंचाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राजेंद्र, बिजेंदर और रणजीत सिंह ने एक कमरे में भरे भूसे को खाली करने के लिए 48 घंटे का समय मांगा और स्वयं भूसे वाले कमरे को गिराने की बात कही। जिस पर नायब तहसीलदार ने तीनों को 48 घंटे का समय दिया, साथ ही चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे में कमरा खाली नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

buldozer

मकान गिराए जाने के दौरान राजेंद्र की बेटी ज्योति सदमे के चलते बेहोश हो गई। वही, राजेंद्र और विजेंदर की पत्नी का निर्माण गिराए जाने के दौरान रो -रो कर बुरा हाल था। राजेंद्र ने बताया कि पिछले 70 सालों से उनका परिवार यही रह रहा था। उनके पिता और दादा भी यहीं रहा करते थे।

buldozer

उन्होंने बताया कि सालों पहले हुई चकबंदी के दौरान सरकारी सिजरे से उनका मकान हट गया, जिसका शासन ने फायदा उठाते हुए उनकी जमीन को अब तालाब बताकर ध्वस्तीकरण कर दिया। शनिवार को ही वह अपने बैनामे की कॉपी तहसील में तहसीलदार के पास जमा कर गांव पहुंचे थे, तभी बुलडोजर ने उनके निर्माण गिरा दिए।

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