जम्मू कश्मीर। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने देश को नागरिकों को बांटने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू किया है। महबूबा ने कहा कि हिंदू महासभा की दो राष्ट्र सिद्धांत की अवधारणा का पालन कर रही है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तब भी सीएए लागू करना, मोदी सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “विभाजन के 77 साल बाद, बीजेपी अभी भी हिंदू महासभा के दो राष्ट्र सिद्धांत की अवधारणा से जुड़ी हुई है। अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने लोगों के बीच एक और विभाजन पैदा करने के लिए सीएए लागू किया है।’
उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोगों को नफरत की राजनीति में शामिल करने और चौतरफा विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए यह प्रयास किया है। महबूबा ने कहा कि सभी समुदायों, विशेषकर मुसलमानों से अपील है कि वे उनके जाल में न फंसें।
चुनाव में धर्म का इस्तेमान करना चाहती है भाजपा- उमर
नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव स्टंट करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा आने वाले लोकसभा चुनाव में धर्म का इस्तेमान करना चाहती है… CAA में भी सिर्फ मुसलमानों को ही चुनकर निशाना बनाया गया है… अब तक लग रहा था कि भाजपा 400 सीटों का दावा कर रही थी… लेकिन कहीं न कहीं उन्हें (भाजपा) उनकी स्थिति कमजोर लग रही है इसलिए उन्हें नए-नए हथियार इस्तेमाल करने पड़ रहे हैं…।”
संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है सीएए- तारिगामी
सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने आरोप लगाया कि सीएए का कार्यान्वयन संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “संविधान की नींव और भारत की नागरिकता के मानदंड किसी व्यक्ति के धर्म या पंथ से परे हैं। सीएए के माध्यम से इस नींव का घोर उल्लंघन किया गया है।” तारिगामी ने कहा कि यह सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है, लेकिन सीएए को लागू करने से अल्पसंख्यक दूसरे दर्जे के नागरिक बन जाएंगे।