मुजफ्फरनगर। विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान बिना अनुमति के जुलूस निकालने के मामले में अदालत ने प्रदेश के कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल को दोषमुक्त कर दिया । सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट मयंक जायसवाल ने फैसला सुनाया।
साल 2017 के चुनाव में शहर सीट से भाजपा उम्मीदवार कपिल देव अग्रवाल घोषित किए गए थे। नौ फरवरी वर्ष 2017 को शहर में ढोल नगाड़ों के साथ कपिल देव पर 20-25 समर्थकों के साथ जुलूस निकालने का आरोप था। समर्थकों ने नारेबाजी की थी। कोतवाली में तैनात तत्कालीन उप निरीक्षक इंद्रजीत सिंह ने निर्वाचन अधिकारी को सूचित किया। आरओ के निर्देश पर मंत्री और उनके समर्थकों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा कायम कराया गया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद मंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण के विचारण के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष ने वादी सहित दो गवाह प्रस्तुत किए और पांच अभिलेखों को साबित कराया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनीं। अदालत ने मामले में कोई ठोस सबूत दाखिल नहीं करने के कारण अभियोजन पक्ष की कहानी को संदेहास्पद माना। साक्ष्यों के अभाव में मंत्री को आरोपों से मुक्त करते हुए बरी कर दिया।