मुरादाबाद के लोकोशेड पुल के नीचे से दो दिनों तक ट्रेनों पर पेट्रोल बम फेंकने वाले युवक को आखिरकार रविवार को पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी की पहचान 22 वर्षीय दीपू सैनी के रूप में हुई है, जिसने लालकुआं एक्सप्रेस और चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस को निशाना बनाया था। लगातार दो घटनाओं के बाद मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया, जिसके बाद जीआरपी और आरपीएफ हरकत में आईं।

पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि या तो उसे जेल भेजा जाए, वरना वह किसी ट्रेन को आग के हवाले कर देगा। दीपू ने बताया कि उसके भाई की मौत के बाद वह बदले की भावना से ग्रस्त है और खुद को अकेला महसूस करता है।

पहली घटना 31 जुलाई को शाम करीब 5:30 बजे हुई, जब आनंद विहार-लालकुआं एक्सप्रेस (15060) पर उसने पेट्रोल से भरी बोतल में आग लगाकर ट्रेन की ओर फेंकी। इस घटना में एस-5 कोच में खड़े एक यात्री का हाथ झुलस गया, लेकिन शिकायत न होने के कारण मामला दब गया।

एक अगस्त की शाम को आरोपी ने फिर लोकोशेड पुल के नीचे से चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस पर इसी तरह हमला किया। हालांकि इस बार जलती बोतल कोच के अंदर नहीं पहुंच पाई, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

इसके बाद रेलवे ने निगरानी कड़ी कर दी। दो अगस्त को आरोपी फिर हमले की मंशा से उसी जगह पहुंचा, जहां से पहले दो बार हमला कर चुका था। इस बार वह बीयर की बोतल में पेट्रोल भरकर लाया था और ढक्कन को एमसील से बंद किया हुआ था। पुलिस ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। उसके पास से एक माचिस और ₹560 नकद भी बरामद हुए।

उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153 और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धाराओं 118 व 327 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

ई-रिक्शा चालक है आरोपी, मानसिक तनाव में चल रहा था

पुलिस पूछताछ में दीपू ने बताया कि वह ई-रिक्शा चलाता है। उसके अनुसार, लोग उसकी कद-काठी का मजाक उड़ाते हैं और कई बार मारपीट भी कर देते हैं, जिससे वह मानसिक रूप से टूट चुका है। परिजनों ने बताया कि भाई की मौत के बाद वह लगातार अवसाद में रहने लगा। दीपू का मानना है कि उसके भाई की हत्या की गई, जबकि घरवालों का कहना है कि उसने आत्महत्या की थी।