मुज़फ्फरनगर: डीएम की सुन लो, नहीं तो हम ठीक करेंगे- भाकियू

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रदेश व्यापी आह्वान पर आज किसानो ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया । जिसमें सैकड़ों किसान शामिल हुए।  पंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि ज़िले के नीचे के अफसर डीएम के आदेश भी नहीं सुनते है , या तो वे डीएम की बात सुन ले नहीं तो भारतीय किसान यूनियन उनका ईलाज करेगी। 

पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के अधिकारी किसानों के संबंध में अनाप-शनाप आदेश लखनऊ में बैठकर जारी कर रहे हैं जो धरातल पर संभव नहीं है, हम सरकार के निर्णय का विरोध नहीं करते लेकिन किसान की परेशानी को भी देख नहीं सकते। सरकार ने तारबाड़, ट्रैक्टर से परिवहन के संबंध में जो आदेश निर्गत किए हैं वह किसानों की मजबूरी है, आवारा पशुओं व जंगली जानवरों के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहा किसान तार बाड़ कराने में सक्षम नहीं है, मजबूरी में ऐसा करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने उन तारों को भी प्रतिबंधित कर दिया है जिससे पशुधन को कोई नुकसान नहीं होता ,सरकार पशुओं का इंतजाम करें हमें तारबंदी की कोई आवश्यकता नहीं या फिर राष्ट्रीय बांस मिशन से किसानों की खेत की बाढ़ कराएं,  किसान उसके लिए तैयार है।

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अंकित चौधरी ने कहा कि सरकार अगर आवारा पशुओं से निजात की गारंटी लेती है तो हमें तार बाढ़ की कोई आवश्यकता नहीं है सरकार ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलकर किसानों को पशुओं से निजात दिलाए।

भारतीय किसान यूनियन के सहारनपुर मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर द्वारा कुछ किसानों को पुनर्वास का पैसा नहीं दिया जा रहा है जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है जब तक किसानों को पुनर्वास का पैसा नहीं दिया जाता हम रेलवे का काम नहीं चलने देंगे ।इस संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराया जा चुका है ।जनपद के जिलाधिकारी काम करना चाहते हैं लेकिन नीचे के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जिलाधिकारी के आदेशों को भी नहीं माना जा रहा है जिलाधिकारी कर्मचारियों को रास्ते पर लाए अन्यथा भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ऐसे अधिकारियों को भी ठीक करने का काम करेगी जो जनपद के जिला अधिकारी का आदेश भी नहीं मानते है। 

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि गन्ना उत्पादन में किसानों की 50% लागत बढ़ी है लेकिन सत्र की शुरुआत होने के बावजूद भी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है ।बीमारी से गन्ने का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा भी गन्ने के एफआरपी में वृद्धि की गई है उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य के गन्ना  मूल्य में बढ़ोतरी कर किसानों को 400रु प्रति कुंटल का गन्ना मूल्य दिलाए। बजाज शुगर मिल द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है ऐसे चीनी मिल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर चीनी मिल मालिकों को जेल भेजा जाए । उन्होंने कहा कि हम आज यहां सरकार का ध्यान आकर्षण के लिए इकट्ठा हुए हैं कि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए, सरकार अगर इस तरफ ध्यान नहीं देती तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ में भी एक महापंचायत का आयोजन किया जाना है। कुछ किसान नेता भी किसानों को बुलैट क्रांति जैसी बात कर गुमराह कर रहे हैं, मेरा किसानों से भी निवेदन है कि अपने बच्चे को शिक्षा क्रांति की ओर ले जाएं बुलैट क्रांति से अपने बच्चों को नक्सली बनाना हमारा उद्देश्य नहीं है। हम सरकार के खिलाफ पहले से ही संघर्ष करते रहे हैं और इस संघर्ष को हम अहिंसात्मक रूप से आगे बढ़ाएं किसान भी आवारा पशुओं से मुक्ति के लिए नस्लों में सुधार करें और इस तरह की नस्लों का प्रयोग करें जिनका दूध और पुत्र दोनों काम के हो। जनपद में नस्ल पर काम किया जाना बहुत आवश्यक है लेकिन सरकार द्वारा इसमें कोई योजना नहीं चलाई जा रही है पशुपालन विभाग भी अपना काम नही कर रहा है। जनपद में अच्छी वैरायटी के सीमन उपलब्ध नहीं है जिससे नस्ल सुधार की बजाय गिरावट आ रही है।

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