मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (एमडीए) की 57वीं बोर्ड बैठक बुधवार को प्राधिकरण मुख्यालय में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता सहारनपुर मंडलायुक्त एवं एमडीए अध्यक्ष अटल कुमार राय ने की। बैठक में कई अहम प्रस्तावों को पारित किया गया, जिसमें वर्ष 2025 के लिए भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों, जोन-3 और 4 के विकास, साथ ही बजट को मंजूरी दी गई। इसके अलावा आगामी बोर्ड बैठक में शामली महायोजना 2031 को अंगीकृत किए जाने का निर्णय भी लिया गया।

एमडीए की उपाध्यक्ष कविता मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में पिछली 56वीं बोर्ड बैठक की कार्यवृत्त की पुष्टि की गई। साथ ही केंद्र सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत शामली महायोजना 2031 के भाग (क) और (ख) को शासन से परिचालन विधि के अंतर्गत स्वीकृति मिलने की पुष्टि की गई। बैठक में यूपी विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 और आदर्श जोनिंग रेगुलेशन 2025 को भी बोर्ड द्वारा स्वीकृत कर दिया गया।

बैठक में ए-टू-ज़ेड रोड चौड़ीकरण को लेकर भी महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें तय समय में अतिक्रमण हटाने, अवैध निर्माणों पर रोक लगाने और आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा मुजफ्फरनगर महायोजना 2031 के तहत जोनल प्लान की आरएफपी तैयार कर शासनादेशों के अनुसार निविदा प्रक्रिया द्वारा परामर्शदाता नियुक्त करने को भी मंजूरी दी गई।

बैठक में डीएम उमेश मिश्रा, उपाध्यक्ष कविता मीणा, सचिव कुंवर बहादुर सिंह, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के सहयुक्त नियोजक, नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर के प्रतिनिधि, अधिशासी अभियंता शरद शर्मा, गजे सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

टाउनशिप योजना के विरोध में पहुंचे ग्रामीण

एमडीए बोर्ड बैठक के दौरान शेरनगर गांव के ग्रामीणों ने प्रस्तावित नई टाउनशिप योजना का विरोध जताया। ग्रामीणों ने मंडलायुक्त अटल कुमार राय को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मेरठ-हरिद्वार और पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच स्थित उनकी बहुफसलीय कृषि भूमि को अधिग्रहण में लाना अनुचित है।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्तावित भूमि में ईदगाह, कब्रिस्तान और अन्य धार्मिक स्थल भी शामिल हैं, जो सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अधिग्रहण न केवल उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उनकी आजीविका पर भी संकट खड़ा कर देगा।

ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के तहत इस भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हुए सामाजिक संतुलन बिगड़ने की आशंका भी जताई। विरोध ज्ञापन देने वालों में सैयद खुर्रम, सौरभ सिंह, मनोज गुर्जर, मुन्ना, मोहम्मद अनसीर, मगेन्द्र कुमार, विनय कुमार, नितिन, शलभ और फिरोज आदि शामिल रहे।