सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर लखबीर सिंह की बर्बर तरीके से हत्या करने के आरोपी निहंग नारायण सिंह ने अदालत में कहा कि मैंने लखबीर सिंह की टांग काटी थी। सरबजीत ने हाथ काटा और भगवंत व गोविंद प्रीत ने उसे लटकाने में मदद की। चारों ने ही मिलकर युवक को मारा है, इसमें कोई और शामिल नहीं है। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी सहन नहीं की जा सकती।
लखबीर की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को रविवार दोपहर दो बजे न्यायालय में पेश किया गया। निहंग नारायण सिंह ने न्यायालय में कहा लखबीर की हत्या करने में चारों ही शामिल थे। सरबजीत ने उसका हाथ काटा था और मैंने टांग काटी थी। वहीं भगवंत सिंह व गोविंद प्रीत ने उसको रस्सियों से बांधकर लटकाया था।
वहीं शनिवार को सरबजीत ने आठ के शामिल होने की बात कही थी। उनके बचाव में पेश हुए अधिवक्ता संदीप शर्मा ने बताया कि, उन्होंने कहा कि मुस्लिम कुरान की रक्षा करता है और ईसाई बाइबल की, ऐसे में उन्हें अपने गुरुग्रंथ की रक्षा का अधिकार है। उन्होंने जो किया है वह सही किया है। अगर फिर से गुरुग्रंथ की बेअदबी होती है तो हम पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि इस दौरान भगवंत और गोविंद प्रीत शांत खड़े रहे।
कोर्ट में शनिवार को आरोपी सरबजीत की पेशी के दौरान धक्कामुक्की होने व उसकी पगड़ी को हाथ लगने के बाद उसके आपा खोने के बाद रविवार को पुलिस ने पत्रकारों पर सख्ती दिखाई। पेशी के दौरान काफी पुलिस बल तैनात रहा। पत्रकारों को आरोपियों के पास नहीं जाने दिया गया। कोर्ट में जाने से भी पत्रकारों को रोक दिया गया। हालांकि बाद में न्यायाधीश के कहने पर दो पत्रकारों को अंदर कार्रवाई देखने व सुनने के लिए बुलाया गया।
आरोपियों ने कोर्ट में वारदात को अंजाम देने की बात कुबूल की है। पुलिस मामले से जुड़े साक्ष्य जुटाकर उन्हें कोर्ट में पेश करेगी।– वीरेंद्र सिंह, डीएसपी