चंडीगढ़ निगम चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं

चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे सोमवार को घोषित कर दिए गए और आम आदमी पार्टी (आप) 35 में से 14 वार्डों में जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आयी। पिछले नगर निगम सदन में बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बार 12 वार्डों में जीत हासिल कर दूसरे नंबर पर रही जबकि कांग्रेस के हिस्से आठ सीटें और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के हिस्से एक सीट आई है।

चंडीगढ़ के मौजूदा महापौर एवं भाजपा प्रत्याशी रविकांत शर्मा को आप के प्रत्याशी दमनप्रीत सिंह के हाथों हार मिली है। शर्मा वार्ड संख्या 17 पर 828 मतों के अंतर से सिंह से हार गए।

कांग्रेस को सबसे अधिक 29.79 प्रतिशत वोट मिले जबकि भाजपा को 29.30 प्रतिशत और आप को 27.08 प्रतिशत वोट मिले। किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला।

आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर कहा कि यह जीत पंजाब में बदलाव का संकेत है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

महापौर के चुनाव पर आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि वे ‘‘हर पार्टी के अच्छे लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’’

आप नेता राघव चड्ढा ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन को अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले ‘ट्रेलर’ बताया। चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है। इस बार शहर में वार्डों की संख्या 26 से बढ़ाकर 35 कर दी गई थी।

पिछले चुनाव में, भाजपा ने 20 सीटें जीती थीं और इसकी तत्कालीन सहयोगी शिअद के हिस्से एक सीट आई थी। कांग्रेस के हाथ बस चार सीटें आई थीं।

परंपरागत रूप से, हर पांच साल में होने वाले नगर निगम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है, लेकिन आम आदमी पार्टी के आ जाने से इस बार मुकाबला त्रिकोणीय बन गया।

सोमवार को घोषित परिणामों में पूर्व महापौर एवं भाजपा उम्मीदवार दवेश मौदगिल वार्ड संख्या 21 से आप के जसबीर से 939 मतों से हार गए।

वार्ड संख्या 25 में भाजपा युवा मोर्चा के नेता विजय कौशल राणा को आप के योगेश ढींगरा ने 315 मतों के अंतर से हराया। वार्ड का प्रतिनिधित्व पहले चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने किया था।

प्रमुख विजेताओं में कांग्रेस की हरप्रीत कौर बबला, पार्टी के वरिष्ठ नेता देविंदर सिंह बबला की पत्नी, ने वार्ड नंबर 10 में भाजपा की राशि भसीन को 3,103 मतों के अंतर से हराया।

केजरीवाल ने कहा कि यह जीत पंजाब में बदलाव का संकेत है। जीत दर्ज करने वाले पार्टी प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की जनता ने ‘आप’ की ‘‘ईमानदार राजनीति’’ को चुना है और प्रतिद्वंद्वियों की ‘‘ भ्रष्ट राजनीति’’ को खारिज किया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता सिसोदिया ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चंडीगढ़ के लोगों ने संदेश दिया है कि वे केवल काम की राजनीति चाहते हैं। उन्होंने जोर दिया कि महापौर आप के होंगे और लोगों ने इसके लिए जनादेश दिया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस समर्थन करेगी, सिसोदिया ने कहा, “हम हर पार्टी के अच्छे लोगों का स्वागत करेंगे। चुनाव जीतने वालों में से कुछ ने चंडीगढ़ के लोगों के जनादेश का समर्थन करने में रुचि दिखायी है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या “अच्छे लोग’’ भाजपा से हो सकते हैं, सिसोदिया ने कहा, “हां, ऐसा हो सकता है।”

आप नेता राघव चड्ढा ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग उनसे ऊब चुके हैं क्योंकि बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद वे कुछ करने में नाकाम रहे।

मौजूदा महापौर के खिलाफ अपनी जीत पर आप नेता दमनप्रीत सिंह ने कहा कि वह इस जीत का श्रेय पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और शहर के पार्टी नेता प्रदीप छाबड़ा को देते हैं, जो उनके गुरू हैं।

चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा, “नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुसार नहीं हैं। लोगों ने खंडित जनादेश दिया है। परिणामों के अनुसार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।”

सूद ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के पास सदन में 13 वोट हैं। इसमें मौजूदा सांसद किरण खेर का वोट शामिल है, जो भाजपा नेता और नगर निगम सदन की पदेन सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कोशिश करेगी कि उनकी पार्टी का कोई नेता महापौर बने।

परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने भाजपा और आप पर चुनाव में एक-दूसरे की मदद करने और उनकी पार्टी को दूर रखने के लिए धनबल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। चावला ने कहा, “हमारा वोट प्रतिशत सबसे ज्यादा है लेकिन लोकतंत्र संख्या के हिसाब से चलता है और इसमें आप के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं।”

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