01 दिसंबर: हमें समाचारपत्रों व टीवी चैनलों के माध्यम से देश में चल रहे फर्जीवाडों, धोखाधड़ी व ठगी से सम्बन्धित समाचार प्रायः रोज पढ़ने, सुनने को मिलते हैं। इनका विवरण देने लगें तो अलग से एक ग्रन्थ तैयार हो जाये। फर्जीवाड़ा करने वाले अपने आर्थिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए नये-नये तरीके ईज़ाद कर लेते हैं। ऐसी ही धोखाधड़ी का एक मामला मुज़फ्फरनगर में भी प्रकाश में आया है।
मीरांपुर के समीप ग्राम कैथोड़ा निवासी राजपाल सैनी ने जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को शिकायती पत्र भेजकर कहा है कि 29 नवंबर को मुज़फ्फरनगर जीआईसी मैदान पर संपन्न सामूहिक विवाहों में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। श्री सैनी ने बताया कि नगर पंचायत मीरांपुर ने महज़ 6 कन्याओं के विवाह की संस्तुति भेजी थी किन्तु मीरांपुर से दो दर्जनों से अधिक कन्याओं की शादी-निकाह होने दर्शाये गए हैं, जबकि आवेदन भेजने वाली कई महिलायें पूर्व से शादीशुदा हैं और कुछ के तो 2-2 बच्चे भी हैं। श्री सैनी ने जिलाधिकारी को यह भी सूचित किया कि फर्जीवाड़ा करने वालो ने सांठगाठ करके 5-5,10-10 हजार रुपये झटक लिए हैं। उन्होंने मांग की कि फर्जीवाड़ा करने वालों से राजकीय अनुदान की धनराशि वापस ली जाए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शासन की योजना के अनुसार मुज़फ्फरनगर में 943 सामूहिक विवाह-निकाह संपन्न कराये गए थे। केंद्र सरकार के राज्यमत्री डॉ. संजीव बालियान, जिलाधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति नव-विवाहित जोड़ो को आशीर्वाद देने स्वयं उपस्थित थे। इन्हें यह कल्पना भी नहीं होगी कि विवाहों-निक़ाहों में भी सरकारी धन ठगने के लिए फर्जीवाड़ा हो जायेगा। राजपाल सैनी ने प्रार्थनापत्र में धन की रिकवरी करने की मांग की है किन्तु इतना ही प्रयाप्त नहीं है, जो धोखेबाज़ इस षड्यंत्र में शामिल हैं, शासन व प्रशासन का कर्त्तव्य बनता है कि उनको इस कुकृत्य के लिए दण्डित किया जाए।
गोविन्द वर्मा