ओडिशा ट्रेन हादसा: ममता ने सीबीआई जांच पर उठाए सवाल

ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर देश में राजनीति जबरदस्त तरीके से जारी है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर रेल मंत्री का इस्तीपा मांग रहे हैं। हांलांकी, पूरे मामले की जांच कई टीमें कर रही है। इसकें सीबीआई भी शामिल है। लेकिन सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए जा रहे है। इस सब के बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आज एक बार फिर से सीबीआई जांच पर सवाल खड़े किए हैं और केंद्र सरकार पर तथ्यों को दबाने के प्रयास का आरोप लगाया है।

ममता बनर्जी का सवाल

ममता बनर्जी ने कहा कि तथ्यों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। यह घटना क्यों हुई और कैसे हुई? उन्होंने कहा कि सीबीआई इस हादसे में क्या कर रही है, क्या आपने (केंद्र) पुलवामा नहीं देखा? सीबीआई ट्रेन हादसे की जांच करने के बजाय कई नगर पालिकाओं और शहरी विकास क्षेत्रों में जा रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस (दुर्घटना) के लिए जिम्मेदार हैं, मैं चाहती हूं कि उन्हें सजा मिले। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा रेल हादसा हुआ, इसे दबाया न जाए। क्यों यह रेल हादला हुआ? उन्होंने लोगों से कहा कि आपने पुलवामा देखा था ना, क्या कहा था वहां के राज्यपाल ने, इसलिए सच सामने आना चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा में तीन रेल दुर्घटनाओं के पीड़ितों के परिवारों को अनुग्रह राशि के चेक और नौकरी नियुक्ति पत्र वितरित किए। 

जांच जारी

दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि दोनों (सीबीआई और रेलवे सुरक्षा आयोग) टीमें अलग-अलग स्थानों पर काम कर रही हैं और मामले की जांच कर रही हैं। ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद बचाव एवं राहत कार्य की समीक्षा कर दिल्ली लौटे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। सूत्रों ने बताया कि रेल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को ऐसी योजना बनाने का निर्देश दिया कि रेलवे नेटवर्क से कोई बाहरी तत्व छेड़छाड़ न कर सकें। 

क्या था पूरा मामला

गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दो जून को ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए। इस हादसे में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हैं। सूत्र संकेत देते हैं कि घटना की प्रारंभिक जांच के बाद न केवल ‘‘सिग्नल प्रणाली’’ में हस्तक्षेप, बल्कि एक संभावित मानवीय लापरवाही का भी पता चला है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here