भाजपा छोड़ने वाले विधायकों का एक ही बहाना, जनहित पर ध्यान नहीं दिया, मुकेश वर्मा ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. इस बार यूपी के शिकोहाबाद से विधायक मुकेश वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है. बीते 3 दिन में 8 विधायक पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं. मुकेश वर्मा ने भी अपने इस्तीफे में दारा सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह पार्टी पर दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को नजर अंदाज करने का आरोप लगाया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि बीजेपी सरकार में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को तवज्जों नहीं दी गई. सरकार में किसानों, बेरोजगारों एवं छोटे कारोबारियों की उपेक्षा की गई है. वर्मा ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य उनके नेता हैं, मुकेश वर्मा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दिया है.

बीजेपी को अब तक लगे 7 झटके!

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी को पिछले 2 दिन में एक के बाद एक कर कई बड़े झटके लगे. इसी कड़ी में बुधवार को ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान ने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. दारा सिंह पिछले 2 दिन में इस्तीफा देने वाले छठे नेता हैं. हालांकि, इस दौरान एक कांग्रेस विधायक और एक सपा विधायक बीजेपी में शामिल भी हुए हैं. इसके अलावा बीजेपी विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए.

वहीं, मौर्य के समर्थक माने जाने वाले तीन विधायकों ने भी इस्तीफा देना का ऐलान किया. मंगलवार को बीजेपी के तिंदवारी से विधायक ब्रजेश प्रजापति, तिल्हार से विधायक रोशन लाल वर्मा और बिल्हौर से विधायक भगवती सागर ने भी मौर्य के बाद इस्तीफा दे दिया. हालांकि, इस दौरान बीजेपी में कांग्रेस विधायक नरेश सैनी और सपा विधायक हरिओम यादव भी शामिल हुए.

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