डीआईओएस के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय माध्यमिक अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन

मुजफ्फरनगर। जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय माध्यमिक अभियान के अंतर्गत राजकीय इण्टर कॉलेज में राजकीय विद्यालयों में उपचारात्मक शिक्षण क्रियान्वयन विषय पर प्रधानाचार्यों व नॉडल शिक्षक शिक्षिकाओं की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

राजकीय इण्टर कॉलेज मुज़फ्फरनगर में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित जिले के सभी राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व नॉडल शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार ने कहा कि उपचारात्मक शिक्षण शिक्षा के क्षेत्र में कोई नवीन शब्द नहीं है, क्योंकि प्राचीनकाल से ही अनुभवी शिक्षक छात्रों की सीखने संबंधी कमियों अथवा त्रुटियों के ज्ञात होने पर उनको दूर करने का प्रयास करते रहे हैं। जैसे उपचार शब्द चिकित्सा शास्त्र में प्रयोग होता है जहाँ चिकित्सक रोग का निदान करके उपचार द्वारा रोगों से व्यक्ति को मुक्त कर उसको उत्तम स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में सहायता प्रदान करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उपचार शब्द चिकित्सा क्षेत्र से लिया गया है जहाँ शिक्षक छात्रों के अधिगम  सम्बन्धी दोषों को दूर कर उनके कक्षा में पिछड़ेपन को दूर करने का प्रयास करता है। जिला विद्यालय निरीक्षक  गजेंद्र कुमार ने कहा कि उपचारात्मक शिक्षण में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है उनको अपनी कक्षा के प्रत्येक बालक की आयु,रूची,योग्यता आदि को दृष्टिगत रखतें हुए शिक्षण कराना होगा|

उपचारात्मक शिक्षण के दौरान बालकों की रुचि को बनाएं रखने के लिए प्रत्येक बालक को पर्याप्त प्रोत्साहन देना होगा। शिक्षक को निदानात्मक परीक्षणों के निर्माण में भी दक्ष होना होगा।
जिला कार्यक्रम प्रभारी व मास्टर ट्रेनर प्रधानाचार्य डॉ विकास कुमार ने कहा प्रथम चरण में जिले में राजकीय विद्यालयों के सभी छात्र छात्राओं का प्री टेस्ट ले कर पढाई में कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित किया गया। दूसरे चरण में चयनित सभी 4650 छात्र छात्राओं को उपचारात्मक कक्षाओं में सम्मिलित किया जा रहा है। जिसमें अनुभवी व योग्य शिक्षकों द्वारा विभिन्न सहायक सामग्री, टी एल एम, विषय विशेषज्ञों द्वारा बनाए गए मोड्यूल आदि की सहायता से शिक्षण कराया जाएगा। प्रत्येक विद्यार्थी की एक प्रोफाइल नोट बुक भी तैयार की जाएगी जिसमे बालक के सभी भावनात्मक ,शारीरिक,मानसिक पक्षों के साथ साथ उसकी पारिवारिक स्थिति ,पढाई में कमजोर होने के संभावित कारण आदि की जानकरी भी नियमित अपडेट की जाएगी|रेमेडियल टीचिंग की मोनिटरिंग शासन द्वारा प्रबोधन एप्प के माध्यम से भी की जा रही है। 

प्रधनाचार्य शैलेन्द्र त्यागी ने कहा कि निश्चित रूप से  चार माह के उपचारात्मक शिक्षण उपरांत पढाई में कमजोर विद्यार्थियों के सीखने की प्रकिया में सुधार होगा और हमारे सम्मुख अप्रत्याशित परिणाम होंगे।

कार्यशाला में प्रधानाचार्य अनिता चौधरी,मीनाक्षी आर्य,उमा ,रानी अंजु वर्मा,प्रमोद कुमार,आशीष द्विवेदी,सुभाष चन्द्र,लेखा लिपिक अमित कुमार  आदि उपस्थित रहे।

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