म्यांमार में जॉब रैकेट में फंसे 200 से अधिक भारतीय रेस्क्यू किए गए, 153 वापस लौटे

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को फर्जी नौकरी रैकेट में फंसे 200 से अधिक भारतीयों को म्यांमार से रेस्क्यू किया है। इनके अलावा लाओस से करीब 64 और कंबोडिया से 108 लोगों को भी बचाया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि म्यांमार, लाओस और कंबोडिया से 370 से अधिक लोगों को छुड़ा लिया गया है। साथ ही लालच देकर विदेश भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय रैकेट में संलिप्त अपराधियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि म्यांमार में फंसे 200 से अधिक भारतीयों में से 153 लोगों को पहले ही भारत वापस लाया जा चुका है, जबकि 50 लोग प्रत्यावर्तन की प्रक्रिया में हैं। इनमें से कुछ थाईलैंड में हैं। ये सभी भारतीय नागरिक अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट के शिकार हुए है। इन्हें म्यांमार के अलावा लाओस और कंबोडिया ले जाया गया। 

दुबई से चल रहा है फर्जी नौकरी रैकेट
बागची ने कहा कि एडवाइजरी जारी कर म्यांमार और थाईलैंड से भी फर्जी नौकरी रैकेट मामले को महत्व देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि रैकेट में शामिल एजेंटों का ब्योरा भी हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बागची ने कहा कि ज्यादातर लोगों को दुबई में बैठे एजेंटों के माध्यम से लुभाया जाता है। दुबई में बैठे एजेंटों ने 38 भारतीयों को म्यांमार में नौकरी देने का झांसा दिया। उसके बाद उन्हें कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया। इस महीने की शुरुआत में उन्हें वापस भारत भेज दिया गया था।

मानव तस्करी का उठाया जा चुका है मुद्दा
मयांमार के सामने विदेश मंत्रालय मानव तस्करी का मुद्दा उठा चुका है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश की अपनी यात्रा के दौरान म्यांमार के वरिष्ठ नेतृत्व से मुलाकात की थी। म्यांमार के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के दौरान विदेश सचिव ने भारत और म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि म्यांमार के म्यावाडी क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट द्वारा मानव तस्करी के मुद्दे को उठाया। 

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