दिल्ली में पायलट, जयपुर में गहलोत से मिले वेणुगोपाल

राजस्थान में विधानसभा चुनावों में बमुश्किल पांच महीने बचे हैं। इसके बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह का कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। कंग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को सचिन पायलट से मुलाकात की। फिर महासचिव मुकुल वासनिक के साथ जयपुर आकर अशोक गहलोत से बात की। इसमें सुलह के फॉर्मूले पर दोनों पक्षों को राजी करने की कोशिश की गई।

पार्टी के सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट ने दिल्ली में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से गुरुवार को कनॉट प्लेस के एक एक होटल में करीब दो घंटे बातचीत की। इसके बाद गुरुवार रात को ही वेणुगोपाल और पार्टी के महासचिव मुकुल वासनिक खुद जयपुर पहुंचे। राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सह-प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। राजस्थान के लोक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव की बेटी की शादी में शिरकत की। एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में वेणुगोपाल इतना ही बोले कि कांग्रेस में ऑल इज वेल है। सब एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे।

भजनलाल जाटव की बेटी की शादी से जो तस्वीरें आई हैं, उनके मुताबिक होटल में ही वेणुगोपाल ने वासनिक की मौजूदगी में अशोक गहलोत के साथ ही रंधावा, डोटासरा से भी बातचीत की। सुलह के फॉर्मूले पर चर्चा की गई। इस दौरान गहलोत ने पायलट की मांगों को मानने से इनकार कर दिया है। हालांकि, विधानसभा चुनावों के मद्देनजर गहलोत इस बात पर राजी हो गए कि पायलट और उनके समर्थकों को महती जिम्मेदारी दी जाएगी।   

29 मई को दिल्ली में तय फॉर्मूला 
बताया जाता है कि 29 मई को दिल्ली में राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की बातचीत हुई थी। इसमें सुलह का एक फॉर्मूला तैयार किया गया था। इसे अब तक न तो कांग्रेस पार्टी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जाहिर किया और न ही गहलोत और सचिन पायलट ने। 

गहलोत ने सचिन की सभी मांगों को ठुकराया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब तक सचिन पायलट की तीन मांगों को ठुकरा चुके हैं। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच कर कार्रवाई करने, आरपीएससी भंग कर पुनर्गठन करने और परीक्षाओं में पेपर लीक प्रभावित अभ्यर्थियों को आर्थिक मुआवजा देना शामिल है। गहलोत ने बार-बार कहा है कि वसुंधरा राजे के मामले में खानों का आवंटन निरस्त हो गया था। कोर्ट का भी फैसला आ गया है। राजे के खिलाफ कोई पेंडिंग मामला ही नहीं है। यदि कुछ है तो पायलट बताएं। आरपीएससी संवैधानिक और स्वायत्तशासी संस्था है। इसे भंग नहीं कर सकते। पेपर लीक मामले में अब तक किसी भी जगह अभ्यर्थियों को मुआवजा नहीं दिया गया है। गहलोत इसे विपक्ष की मांग बताते हुए बुद्धि का दिवालियापन भी कह चुके हैं।  

पायलट समर्थकों में छाने लगी निराशा 
सचिन पायलट का अल्टीमेटम  30 मई को समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री गहलोत ने उनकी तीनों मांगों को ठुकरा दिया है। इस पर पायलट कह चुके हैं कि मैं अपनी मांगों से पीछे नहीं हटूंगा। इसके बाद भी पायलट ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है। वे कांग्रेस आलाकमान से सुलह के फॉर्मूले को लागू करने का इंतजार कर रहे हैं। राहुल गांधी अमेरिका यात्रा पर थे। दिल्ली में पायलट ने कई नेताओं से बातचीत की कोशिश की। दो दिन पहले प्रियंका गांधी से मिले। गुरुवार को संगठन महासचिव वेणुगपाल से उनकी बातचीत हो सकी। वेणुगोपाल भी उसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने जयपुर पहुंचे। कोई एक्शन की बात नहीं हुई है। पायलट समर्थक भी सवाल कर रहे हैं कि सचिन पायलट अब किस बात का इंतजार कर रहे हैं?

समर्थक मंत्री-विधायकों से पायलट करेंगे बातचीत
सचिन पायलट अब अगले कुछ दिन जयपुर में ही रहेंगे। अपने समर्थक मंत्री और विधायकों से चर्चा कर आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे। मांगें पूरी नहीं होने पर पायलट कोई आंदोलन नहीं करते हैं, तो समर्थकों में गलत मैसेज जाएगा। माना यह भी जा रहा है कि ऐसी स्थिति में सचिन पायलट फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष जनता के बीच रख सकते हैं। पायलट मिलकर चुनाव लड़ने को रजामंद हो गए हैं और आगामी दिनों में कांग्रेस हाईकमान उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देता है तो भी उनके उठाए मुद्दे और मांगों पर सवाल होते रहेंगे। सवाल पायलट पर भी खड़े होंगे।

सचिन पायलट को कुछ पार्टियों से ऑफर 
सचिन पायलट के बगावती तेवर कम जरूर हुए हैं, लेकिन वे अपनी बात पर अडिग हैं। 11 जून को उनके स्वर्गीय पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर किसी तरह की बड़ी घोषणा पायलट ने नहीं की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और दीनदयाल जाखड़ की भारतीय नव निर्माण पार्टी से सचिन पायलट को ऑफर मिल चुके हैं। सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी को डैमेज करने के लिए अपने सियासी कॅरियर के साथ इतना बड़ा मजाक नहीं करेंगे। भाजपा से भी सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा पायलट को ऑफर दे चुके हैं। भाजपा इस मुद्दे पर फिलहाल चुप है। समर्थक तो पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। इस पद के फेस के लिए भाजपा में पहले ही रस्साकशी चल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि सचिन पायलट उलझ कर रह गए हैं।

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