प्रधानमंत्री मोदी की केदारनाथ यात्रा,कांग्रेसी शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच नवंबर को केदारनाथ यात्रा को कांग्रेस ने राजीनीतिक मार्केटिंग करार दिया है। भाजपा के इस मेगा इवेंट के जवाब में कांग्रेस ने भी पांच नवंबर को अपना कार्यक्रम जारी किया है। जिसके तहत कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता प्रदेश के हर जिले में इस स्थित 12 शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे।

भाजपा को सनमती दे भगवान भजन गाया जाएगा
जलाभिषेक में केदारनाथ से लाए गए जल और गंगाजल का प्रयोग किया जाएगा। पूजा-अर्चना के साथ भाजपा को सनमती दे भगवान भजन गाया जाएगा। कैलाश खैर के गाए भजन को भी गाया जाएगा।

पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बताया कि पांच नवंबर को कांग्रेस कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों को जलाभिषेक से शिवलिंगों को अभिभूषित करेंगे। इधर, पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री केदारनाथ पधारें, बार-बार पधारें, यह उनकी श्रद्धा का विषय है। मगर केदारनाथ जी के नाम पर राजनीति की मार्केटिंग का उत्तर तो देना ही पड़ेगा। उन्होंने अपने कार्यकाल में अधूरे कामों के लिए भगवान से क्षमा याचना भी की है।

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रावत ने अधूरे कामों की ओर ध्यान आकर्षित किया
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि आज की सत्ता ने राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास तो किया मगर उन विकास कार्यों को अंजाम नहीं दिया, जो केदारपुरी की सुरक्षा और सुगमता के लिए आवश्यक हैं।

केदारनाथ के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश
हरीश ने कहा कि सुमेरु पर्वत के नीचे के प्रखंड से लेकर चौराबाड़ी तक प्रोटेक्शन ब्लॉक्स बनाकर ग्लेशियर फटने की स्थिति में बाढ़ से सुरक्षा की एक अति महत्वपूर्ण लेयर का निर्माण नहीं हुआ, जो कांग्रेस सरकार में प्रस्तावित था। न ही मंदाकिनी नदी से केदारपुरी का तल्ली लिंचोली तक हो रहे भूक्षरण को रोकने के प्रोजेक्ट पर काम हुआ।

भैरव मंदिर जिस पहाड़ी पर स्थित है, उस पहाड़ी में हो रहे क्षरण को रोकने के लिए भी कोई काम नहीं हुआ। गौरी कुंड के पुराने इतिहास को पुनर्स्थापित करने पर प्रस्तावित काम भी शुरू नहीं हो पाया। केदारनाथ जी के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश तो हो रही है, लेकिन इन तमाम कामों की ओर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है।

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