माफिया अतीक को सजा दिलाने में कामयाब रही पुलिस: एडीजी कानून व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि पुलिस की ओर से अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने पहली बार माफिया अतीक अहमद और उसके दो अन्य साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

प्रदेश पुलिस का अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस का अभियान जारी है। अब तक 48 माफिया और उनके गैंग के सदस्यों को सजा हो चुकी है जिनमें मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा भी शामिल है।

माफिया अतीक अहमद  की जिंदगी अब सलाखों के पीछे कटेगी। हत्या, अपहरण, दंगा, फिरौती, लूट, डकैती और अवैध जमीन कब्जा सहित कई गंभीर मुकदमों के आरोपी अतीक को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण कांड में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

मंगलवार की सुबह 2007 के इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई शुरू की। कोर्ट रूम के कटघरे में 10 आरोपी खड़े थे। दो बजे के करीब जज दिनेश चंद्र ने अपना फैसला सुनाया। उन्होंने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खाना शौलत हनीफ को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया। 

अतीक को इस मामले में मिली सजा
अतीक और उसके दो सहयोगियों को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में सजा मिली। गवाही बदलवाने के लिए 17 साल पहले 28 फरवरी 2006 को अतीक और उसके गुर्गों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया था। उन्हें अपने दफ्तर ले जाकर टार्चर किया और फिर जबरदस्ती हलफनामा दिलवाकर गवाही बदलवा दी। अतीक के चंगुल से मुक्त होकर उमेश पुलिस के पास गए और मुकदमा दर्ज करवाया। आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अतीक समेत बाकी दोनों आरोपियों को धारा-364ए/34, धारा-120बी, 147, 323/149, 341,342,504, 506 के सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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