पंजाब विधानसभा सत्र: सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल 2023 सर्वसम्मति से पास

सिख गुरुद्वारा (संशोधन) बिल 2023 पंजाब विधानसभा में पास हो गया है। हालांकि अकाली दल के सदस्यों ने इसका विरोध किया। वहीं आरडीएफ का बकाया नहीं दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगले हफ्ते तक बकाया जारी न हुआ तो एक जुलाई से सुप्रीम कोर्ट खुल रही है।

सदन में पंजाब एफिलेटेड कॉलेजेज (सिक्योरिटी आफ सर्विस) संशोधन बिल 2023 ध्वनिमत से पारित हो गया है। इसके बाद सीएम मान ने पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल 2023 पेश किया। इसे भी बिना बहस ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।  

पंजाब यूनिवर्सिटी लॉ संशोधन बिल 2023 भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। संशोधन के तहत अब मुख्यमंत्री पंजाब की यूनिवर्सिटीज के चांसलर होंगे। सीएम ने कहा कि हर काम में राज्यपाल का हस्तक्षेप गलत है। सरकार अपने स्तर पर वीसी चुनेगी। अकाली दल ने भी संशोधन विधेयक का समर्थन किया। 

सीएम बोले-गुरबाणी पर किसी का ठेका नहीं चलेगा
सिख गुरुद्वारा (संशोधन) बिल पर बहस के दौरान सीएम मान ने सदन में गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन का पूरा विवरण पढ़ कर सुनाया। उन्होंने कहा कि गुरबाणी पर किसी का ठेका नहीं चलेगा। एसजीपीसी खुद गैर लोकतांत्रिक हो चुकी है। 11 साल से चुनाव नहीं होने के कारण एसजीपीसी कार्यकारी हो चुकी है।

मान ने कहा कि पिछले साल श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ने एसजीपीसी को अपना चैनल शुरू करने की सलाह दी लेकिन आज तक नहीं हो सका। इसलिए क्योंकि ये मालिक बने बैठे हैं। अब कमाई चली जाएगी। अमेरिका में 54 डालर का पीटीसी है। टीआरपी का भी फायदा विज्ञापनों के रूप में है। 

हम मौका देखकर दाढ़ी खोलने वाले सिख नहीं है
सीएम ने कहा कि कैमरे उतने ही रहेंगे, बाहर केवल फीड दी जाएगी। गुरबाणी से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद तक विज्ञापन नहीं देने का हमने प्रावधान किया है। मुझ पर सिखों के मामलों में दखल देने का आरोप लगा रहे हैं। जब बादल जाते हैं तो रागी भी खड़े हो जाते हैं।  हम मौका देखकर दाढ़ी खोलने वाले सिख नहीं हैं।

मान ने दावा किया कि एसजीपीसी दो-चार दिन में पीटीसी के अन्य चैनल पीटीसी सिमरन को प्रसारण का अधिकार देने जा रही है। यानी प्रसारण का अधिकार एक परिवार के पास ही रहेगा। मान ने कहा कि एसजीपीसी गुरबाणी के ऑडियो प्रसारण पर एतराज नहीं कर रही क्योंकि पीटीसी का कोई रेडियो चैनल नहीं है। एसजीपीसी को सिर्फ वीडियो प्रसारण पर एतराज है।

निर्दलीय विधायक ने किया विरोध
निर्दलीय विधायक नछत्तर पाल ने बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के साथ मिलकर चर्चा करें और फैसला लें। गुरबाणी का प्रसारण मुफ्त होना चाहिए इसलिए मिल बैठकर फैसला लेना चाहिए। वहीं शिअद के सुखविंदर सुखी ने कहा कि बिल लाने की जरूरत नहीं थी। एसजीपीसी सही काम कर रही है।

इस पर अजीत पाल सिंह ने कहा कि गुरबाणी की पहुंच दुनिया के कोने कोने तक पहुंचे। एसजीपीसी के सदस्य भी सरकार के कदम से खुश हैं। वहीं मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने सवाल उठाया कि 
क्या सिख केवल अकाली और बादल परिवार ही हैं। अयाली ने कहा कि ऐसे मसले बैठकर हल करना चाहिए। पंजाब का माहौल शांत रहना चाहिए। इस पर धालीवाल ने कहा कि सदन में बैठकर ही मसला हल कर रहे हैं। क्या गुरबाणी का टेंडर होना चाहिए।

कांग्रेस का बायकॉट
सदन शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने आपरेशन लोट्स की एक्शन टेकन रिपोर्ट की मांग की। उन्होंने कहा कि पिछली बार विशेष सत्र में इस मुद्दे पर साढ़े तीन घंटे बहस हुई थी। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन का बायकॉट किया और बाहर आ गए।

गवर्नर पर भड़के मान
अपने संबोधन में सीएम भगवंत मान ने कहा कि केंद्र नॉन बीजेपी सरकारों को जानबूझ कर तंग करता है। उन्होंने एक व्यक्ति को हर राज्य में बिठाया हुआ है। जिसे राज्यपाल कहते हैं। वह सरकारों को तंग करते हैं। 

सीएम ने एक फाइल दिखाते हुए कहा कि मैं कोई आरडीएफ के लिए कोई तैयारी नहीं की है। यह वह फाइल है जिसमें राज्यपाल द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के गवर्नर की जिम्मेदारी है कि पंजाब की आरडीएफ की राशि रिलीज करवाए। लेकिन गवर्नर अपनी भूमिका भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि फसल खरीद के समय कई तरह से कट लगाते हैं। मान ने चेतावनी दी कि अगर पंजाब ने अनाज रोका तो क्या होगा। मान ने कहा कि हमें दूसरे राज्यो में इसलिए जाना पड़ रहा है। ताकि सभी देशों के लोगों को बताया जाए कि पंजाब में ईमानदार सरकार आ गई है।

उठा आरडीएफ का मुद्दा
नवनियुक्त मंत्री खुड्डियां ने आरडीएफ को लेकर प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चार साल से फंड रोका हुआ है। इससे पंजाब का विकास रुक गया है। खुड्डियां ने कहा कि जानबूझ कर एक राज्य से धक्का किया जा रहा है। 1987 से लगातार फंड मिल रहा था। लेकिन 4 साल से जानबूझकर रोका गया है।

मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि आरडीएफ का मुद्दा बड़ा गंभीर है। इसमें आप विधायकों का ही एरिया शामिल नहीं है, बल्कि विरोधी दल के विधायकों के एरिया भी शामिल हैं। जबकि यह लोग सेशन से भाग रहे हैं।

हेयर ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो काले कानून बनाए थे, उसके खिलाफ पंजाब के किसानों ने संघर्ष किया था। उसकी वजह से यह फंड रोका गया है। केंद्र को पता है कि यह पैसा गांवों में लगना है। देश की आजादी हो या हरित क्रांति। पंजाब का हर क्षेत्र में अहम योगदान रहा। इस वजह से हमारे पानी का नुकसान हुआ है।

अकाली विधायक बोले-हम सरकार के साथ
अकाली विधायक सुखविन्दर कुमार सुखी ने कहा कि आरडीएफ को लेकर केंद्र सरकार राजनीति न करे। जल्दी से जल्दी राशि जारी की जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के चुनाव में हम करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर खर्च कर रहे हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि विधायकों का फंड होना चाहिए। जब विधायक इलाके में जाए तो वह भी कहीं ग्रांट दे पाए। उन्होंने कहा कि सरकार बदलाव की तरफ कदम आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस मामले में साथ हैं।

जगरूप सिंह गिल ने कहा कि आरडीएफ रोकना गलत है। 70 फीसदी पंजाब गांव में बसता है। ऐसे में यह फंड बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस फंड से ग्रामीण लोगों का जीवन सुधरना था। केंद्र ने पंजाब सरकार को फेल करने की कोशिश की है लेकिन राज्य सरकार अपने स्तर पर फंड दे रही है। 2004-2005 में फंडों लेकर सरकार हाईकोर्ट गई थी। इस दौरान अदालत ने आदेश दिया था कि केंद्र फंड नहीं रोक सकता क्योंकि यह फंड संसद से पास है। उन्होंने कहा सभी दलों को इस मामले में एकजुट होना चाहिए था। 

विधायक वरिंदर गोयल ने कहा कि देश को अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाले किसानों के साथ केंद्र सरकार ने धक्का किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसा कर देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचा रही है। केंद्र सरकार कदम कदम पर पंजाब सरकार से धक्का कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आप की सरकार है। ऐसे में केन्द्र सरकार जानबूझकर पंजाब का विकास रोक रही है। सरकार को हर चीज के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा है। बहुजन समाज पार्टी ने भी आरडीएफ के लिए लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है। 

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