ब्रिस्क वॉक का साइंस:सुबह तेज चलने की आदत से कोविड-19 से होने वाली मौत का खतरा घटता है, उम्र बढ़ती है; घर पर वॉक करें लेकिन इन 4 गलतियों से बचें

ब्रिटेन की लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टॉम येट्स की रिसर्च कहती है, ब्रिस्क वॉक यानी तेजी से चलने वाले लोग करने वाले लोगों में कोविड-19 से होने वाला मृत्यु का खतरा लगभग एक चौथाई पाया गया। इन लोगों में वायरस से गंभीर संक्रमण का खतरा भी आधे से कम रहा। कोरोना के दौर में घर में वॉक कर सकते हैं।

20 साल तक उम्र बढ़ती है
ब्रिस्क वॉक करने वाले लोग 20 साल तक अधिक जीते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तेज चाल हृदय को तंदरुस्त रखती है, जिससे आप ऑक्सीजन को बेहतर तरीके से यूटिलाइज कर सकते हैं। वर्ष 2015 में द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में पब्लिश एक अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन 20 मिनट की ब्रिस्क वॉक से मृत्यु का खतरा 30 प्रतिशत तक कम होता है।

वॉक करें तो इन 4 गलतियों से बचें

1. हाथ सीधे रखना: द जनरल ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी की रिसर्च के मुताबिक, हाथ सीधे होने से गति धीमी होती है। हाथों को लगभग 90 डिग्री मोड़ने और कोहनी को शरीर से सटाकर रखने से ही वॉकिंग का अधिक फायता मिलता है।

2. झुककर चलना: फ्लोरिडा के रेसवॉकिंग कोच बोनी स्टीन कहते हैं, झुक कर चलने से शरीर को चोट लग सकती है। वॉक में गर्दन को सीधा रखें, इससे रीढ़ भी सीधी रहेगी। चलते समय नजरों से लगभग 10 से 30 फिट की रेंज कवर करें।

3. लंबे कदम रखना: लंबे कदम रखने से पैर आपके गुरुत्वाकर्षण केंद्र के आगे पहुंच जाते हैं, जिससे घुटने मुड़ने, ब्रेक होने की आशंका बढ़ती है। घुटना लॉक हो सकता है। वह शॉक एब्जॉर्ब नहीं कर पाता, जिससे दर्द होता है। संतुलन बिगड़ता है।

4. पैर सपाट रखना: चलते समय सबसे पहले एंड़ी जमीन पर छूनी होनी चाहिए। इसके बाद पैर को रोल करते हुए जमीन पर आना चाहिए। सपाट पैर से एनर्जी ट्रांसफर में समस्या होती है। वहीं, पैरों में दर्द की समस्या भी बढ़ सकती है।

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