काबुल एयरपोर्ट के बाहर सीरियल ब्लास्ट, 40 लोगों की मौत, चारों ओर अफरा-तफरी

अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए हैं। इसकी पुष्टि पेंटागन के प्रवक्ता ने की। विदेशी मीडिया के मुताबिक, दोनों हमलों में चार अमेरिकी मरीन कमांडो समेत कम से कम 40 लोगों की मौत हुई है। पांच अमेरिकी सैनिकों समेत 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। एक सैनिक की हालत गंभीर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार काबुल इमरजेंसी अस्पताल में धमाकों में घायल हुए करीब 60 लोग आए हैं। पेंटागन ने कहा है कि हमले में अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं।

इन बम धमाकों के के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) का हाथ होने की बात सामने आई है। बता दें कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने पहले ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की आशंका जाहिर की थी। साथ ही, अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने की चेतावनी दी थी। वहीं, ब्रिटेन ने इस घटना को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। दूसरी ओर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी एलान किया है कि वहां के राजदूत अब अफगानिस्तान छोड़ देंगे।

पेंटागन ने जारी किया बयान
काबुल में हुए इन आतंकी महलों को लेकर पेंटागन की ओर से बयान जारी किया गया है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि अमेरिकी बलों के सदस्य आज काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में मारे गए हैं। कई अन्य का इलाज चल रहा है। हमे यह जानकारी भी मिली है कि कई अफगान नागरिक भी इस जघन्य हमले के शिकार हुए हैं। हमारी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उन लोगों के साथ है जिनकी इस हमले में जान गई है और जो घायल हुए हैं।

यह है पूरा मामला
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। एयरपोर्ट के इस गेट पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं। वहीं, दूसरा आत्मघाती हमला एयरपोर्ट के सामने मौजूद बैरन होटल के बाहर हुआ, जो कि ऐबी गेट के ही काफी करीब है। गौरतलब है कि इस हमले से कुछ देर पहले ही आईएस के आतंकियों द्वारा धमाका करने की आशंका जताई गई थी। इसका मकसद पश्चिमी देशों के उन सैनिकों को निशाना बनाना था, जो अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।

ब्लास्ट पर क्या रही राष्ट्राध्यक्षों की प्रतिक्रिया?
पेंटागन के अफसरों ने इस पूरी घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को जानकारी दे दी है। बताया गया है कि उन्होंने व्हाइट हाउस में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है। दूसरी तरफ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस घटना को लेकर आपात बैठक का आह्वान किया है। इसके अलावा आयरलैंड के दौरे पर गए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ब्लास्ट को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद राजदूत डेविड मार्टिनन जल्द ही देश छोड़ देंगे। 

कुछ और धमाके होने की आशंका
अफगानिस्तान में फ्रांस के राजदूत ने काबुल एयरपोर्ट के बाहर एक और धमाका होने की आशंका जताई थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘हमारे सभी अफगान मित्रों से अनुरोध है कि यदि आप हवाई अड्डे के गेट के पास हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं। दूसरा विस्फोट हो सकता है।’ इस बीच अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स न्यूज ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि यह आईएस के सिलसिलेवार धमाकों का हिस्सा हो सकता है।

इटली के विमान पर भी हुई थी फायरिंग
बता दें कि इस आत्मघाती हमले से कुछ देर पहले काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इटली के एक विमान पर भी फायरिंग हुई थी। इस विमान में 100 अफगानी शरणार्थी सवार थे।

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