भूपेश बघेल की कुर्सी जाएगी या फिर रहेगी?स्वास्थ्य मंत्री टीएस देवसिंह ने कहा – हर खिलाड़ी रखता है कप्तान बनने की चाह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुर्सी जाएगी या फिर रहेगी? अभी इस पर संशय बरकार है। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस देवसिंह ने गुरुवार को कहा कि जो कोई भी खिलाड़ी जो टीम में है वो कप्तान बनने की चाह रख सकता है। आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ एक बार फिर मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात से पहले स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। मंगलवार को बघेल और सिंहदेव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। टीएस सिंहदेव अभी भी दिल्ली में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ‘अगर कोई इंसान टीम में खेलता है। तो क्या वो कप्तान बनने के बारे में नहीं सोचता है? सभी लोग इसके बारे में सोचते हैं। लेकिन सवाल सोच का नहीं है। यह क्षमता की बात है। शीर्ष नेतृत्व एक फैसला लेता है।’

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पार्टी ने कभी भी ढाई-ढाई साल के समझौते पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि भाइयों में भी विरोध होता है। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व की तरफ से दी जाने वाली जिम्मेदारी को वो निभाएंगे। सिंहदेव ने आगे कहा कि वो (भूपेश बघेल) पचास साल या दस साल या दो साल के लिए सीएम हो सकते हैं। यह फिक्स नहीं है। मजबूत प्रतिस्पर्धा की जगह हमेशा रहती है।

भूपेश बघेल के करीबी कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सीएम पार्टी नेताओं के साथ शुक्रवार को एक और बैठक करेंगे। कई सारी चीजों पर अभी भी चर्चा नहीं हुई हैं। शुक्रवार को राहुल गांधी के साथ सीएम की अलग से बैठक हो सकती है। कई ऐसी चीजें थीं जिसपर मंगलवार को चर्चा नहीं हो सका था क्योंकि राहुल गांधी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाना था। मुख्यमंत्री के कुछ करीबी नेताओं ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि इस उथल-पुथल के बीच करीब 10 विधायक और कम से कम दो मंत्री दिल्ली भी जाने की सोच रहे हैं। वो लोग खुद से दिल्ली जा रहे हैं। उन्हें पता है कि अगर सीएम बदल जाते हैं तो राज्य की पूरी राजनीति और राजनीतिक परिदृश्य बदल जाएगा

दिसंबर, 2018 में कांग्रेस ने राज्य विधासनभा चुनाव में 90 सीटों पर से 68 सीटों पर कब्जा जमाया था। मंगलवार की रात जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे थे तब वहां शक्ति प्रदर्शन जैसा नजारा था। वहां पर ‘छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश के साथ खड़ा हुआ है’ के नारे लगाए जा रहे थे। वहां कम से कम 8 विधायक और 2 मंत्री मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने रायपुर सर्किट हाउस में अपने करीबी दर्जनों विधायकों और अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। 

एयरपोर्ट पर भूपेश बघेल ने कहा था कि उन्हें इस बात की खुशी है कि एक उनके जैसे एक किसान को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई। जो लोग ढाई साल के फॉर्मूले की बात कर रहे हैं वो राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाना चाहते हैं और वो लोग कभी सफल नहीं होंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा है कि ‘मुझे मुख्यमंत्री के करीबियों से इशारा मिला है कि अगले कुछ हफ्तों में गार्ड बदले जा सकते हैं।’ बस्तर के एक विधायक ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि ‘मैंने सुना है कि सिंहदेव दिल्ली में जमे हुए हैं और वो तब तक वहां से नहीं जाएंगे जब तक कि उनके साथ किया गया वादा पूरा नहीं होता। अगले कुछ दिनों में कुछ हो सकता है।’

सिंहदेव के कुछ करीबी नेताओं का कहना है कि वो दिल्ली में इसलिए ठहरे हुए हैं ताकि रायपुर में शक्ति प्रदर्शन जैसा नजारा ना दिखे। उन्होंने उम्मीद है कि जल्दी ही फैसला किया जाएगा। इन नेताओं का कहना है कि ‘हम अभी शांत और धैर्य बनाकर यहां हैं और आशा है कि जो वादा हमसे किया गया था वो पूरा किया जाएगा। इसलिए हम यहां लगातार बने हुए हैं और जब तक कोई साफ-साफ निर्देश नहीं मिल जाता है हम रायपुर नहीं जाएंगे

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