महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच विवाद गहराता जा रहा है. शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamna) में केंद्र सरकार से कोश्यारी को वापस बुलाए जाने की मांग की है. साथ ही पार्टी ने राज्यपाल (Governer) को भारतीय जनता पार्टी की कठपुतली बताया है. वहीं, शिवसेना ने साफ किया है कि केंद्र को राज्य सरकार पर हमला करने के लिए राज्यपाल के कंधों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा सामना में प्रकाशित संपादकीय में प्लेन विवाद और किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर बात की गई है.
शिवसेना ने संपादकीय के जरिए राज्यपाल पर बीजेपी की बात कहने के आरोप लगाए हैं. सामना में लिखा है ‘राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. श्री कोश्यारी कई वर्षों से राजनैतिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं. विधिमंडल तथा संसद के दोनों सदनों में उन्होंने काम किया है. केंद्र में मंत्री बने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने काम किया. फिर भी वे इतनी चर्चा में कभी नहीं आए. महाराष्ट्र का राज्यपाल बनने के बाद से यह सामान्य व्यक्ति किसी-न-किसी कारण से चर्चा अथवा विवाद में रहा है.’
पार्टी ने प्लेन विवाद को लेकर लिखा ‘अब ताजा प्रकरण में श्रीमान राज्यपाल महोदय सरकारी विमान के इस्तेमाल को लेकर चर्चा में आ गए हैं. राज्यपाल महोदय को सरकारी विमान उड़ाते हुए उनके अपने गृहराज्य अर्थात देहरादून जाना था. परंतु महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी. राज्यपाल महोदय गुरुवार की सुबह विमान में जाकर बैठ गए. परंतु उड़ान की अनुमति नहीं होने के कारण उन्हें नीचे उतरना पड़ा तथा प्रवासी विमान से देहरादून आदि भागों में जाना पड़ा.’
संपादकीय के जरिए शिवसेना ने कहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने नियम का पालन किया है. पार्टी ने लिखा ‘राज्यपाल की क्या मुख्यमंत्री को भी निजी इस्तेमाल के लिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है.’ वहीं, शिवसेना ने बीजेपी पर इसे विवाद की शक्ल देने के आरोप लगाए हैं. बीजेपी ने राज्यपाल को हवाई सेवा से वंचित किए जाने पर सरकार पर अहंकारी होने के आरोप लगाए हैं.