शिवसेना ने बागी विधायकों पर की कर्रवाई की मांग, डिप्टी स्पीकर को सौंपी चिट्ठी

महाराष्ट्र में सियासत लगातार बदल रही है। शिवसेना के ग्रुप लीडर अजय चौधरी ने विधानसभा उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर शिवसेना के बागी विधायकों पर कर्रवाई की मांग की है। शिवसेना के बैठकों में उपस्थित न रहने को लेकर कार्रवाई की मांग की है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि हमने डिप्टी स्पीकर (महाराष्ट्र विधानसभा के) के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 (विधायकों) की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। निम्नलिखित विधायकों पर कार्रवाई हो सकती है।

एकनाथ शिंदे (कैबिनेट मंत्री) – कोपरी  पचपाखड़ी, ठाणे
तानाजी सावंत – परंदा, उस्मानाबाद
प्रकाश सुर्वे – मगाथाने, मुंबई
बालाजी किनिकर – अंबरनाथ, ठाणे
अनिल बाबर – खानापुर, सतारा
लता सोनवणे – चोपड़ा, जलगाव
यामिनी जाधव – भायखला, मुंबई
संजय शिरसत – औरंगाबाद पश्चिम, औरंगाबाद
भरत गोगावले – महाड़, रायगढ़ी
संदीपन भुमारे – (कैबिनेट मंत्री) – पैठण, औरंगाबाद
अब्दुल सत्तार – (राज्य मंत्री) – सिल्लोड, औरंगाबाद
महेश शिंदे – कोरेगांव, सतारा

महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त किये जाने को मंजूरी दे दी है। शिवसेना ने पार्टी से विद्रोह करने और पार्टी के कुछ विधायकों के साथ गुजरात के सूरत चले जाने के कुछ घंटे बाद मंगलवार को शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। शिंदे के कदम से महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर खतरा मंडराने लगा, जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं।

जिरवाल ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे शिवसेना की ओर से एक पत्र मिला है, जिसमें सूचित किया गया है कि उसने अजय चौधरी को विधानसभा में विधायक दल का नेता नियुक्त किया है और शिंदे को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भेजा गया वह पत्र स्वीकार कर लिया है।  जिरवाल ने कहा कि शिवसेना के विधायक दल के नेता के पद से शिंदे को हटाया जाना वैध है। 

गौरतलब है कि शिंदे ने बुधवार को विधानसभा उपाध्यक्ष को एक पत्र भेजा था, जिस पर 35 विधायकों के हस्ताक्षर थे। इसमें सुनील प्रभु की जगह भरत गोगावले को शिवसेना विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाने की बात कही गई थी। शिंदे के पत्र के बारे में पूछे जाने पर जिरवाल ने कहा कि पार्टी से संबंधित इस तरह के मामलों में निर्दलीय विधायकों की कोई भूमिका नहीं होती। (बागी नेता के साथ सूरत गए शिवसेना) के विधायक नितिन देशमुख ने दावा किया है कि उन्होंने शिंदे द्वारा जारी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मैं इसपर गौर करूंगा और कानूनी विशेषज्ञों की राय लेकर फैसला लूंगा। शिंदे फिलहाल शिवसेना के 37 बागी विधायकों और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं।

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