लखीमपुर खीरी में भाजपा को झटका: श्याम किशोर ने दिया इस्तीफा, बसपा में शामिल

लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी निवासी अवध क्षेत्र की कार्य समिति के सदस्य श्याम किशोर अवस्थी ने भाजपा से इस्तीफा देकर बसपा का दामन थाम लिया है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, बसपा धौरहरा से उन्हें प्रत्याशी घोषित कर सकती है। दरअसल, बसपा को इस सीट के लिए ब्राह्मण चेहरे की ही तलाश है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह को भेजे त्यागपत्र में श्याम किशोर अवस्थी ने बताया है कि वह स्वेच्छा से भारतीय जनता पार्टी के सभी दायित्वों और जिम्मेदारियों का त्याग कर रहे हैं। त्यागपत्र भेजे जाने की सूचना मिलने के बाद भाजपा खेमे में हड़कंप मचा हुआ है। 

बताया गया कि वह एक सांसद के करीबी थे, लेकिन अनबन होने के बाद उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और बसपा की सदस्यता ले ली है। बसपा जिलाध्यक्ष हेमराज वर्मा ने कहा कि श्यामकिशोर का बसपा  में स्वागत है। उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह का कहना है कि उन्हें इस्तीफे की जानकारी नहीं है। श्यामकिशोर के इस्तीफे से राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

धौरहरा संसदीय सीट पर जातीय आंकड़ों का हाल
ब्राह्मण मतदाता- 325000
मुस्लिम मतदाता- 250000
कुर्मी मतदाता- 160000
पासी,जाटव, आदि एससी- 310000
यादव, कुशवाहा, मौर्य आदि- 275000
क्षत्रिय मतदाता- 130000
वैश्य मतदाता – 95000
अन्य- 168900
कुल- 1713900
(आंकड़े अनुमानित)

2009 में धौरहरा सीट पर हुआ था पहला चुनाव
परिसीमन के बाद पहली बार 2009 में अस्तित्व में आई धौरहरा सीट पर ब्राह्मण चेहरे जितिन प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर जीतकर केंद्र में मंत्री बन चुके हैं। ब्राह्मण बहुल धौरहरा सीट पर ब्राह्मण वोट 2014 और 2019 के चुनावों में रेखा वर्मा को मिला। क्योंकि, 2014 और 2019 के चुनाव में धौरहरा से कोई भी ब्राह्मण चेहरा नहीं था। 

कांग्रेस से जरूर चर्चा थी कि इस बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ. रविशंकर त्रिवेदी को धौरहरा से उतारा जा सकता है, ताकि ब्राह्मण और मुस्लिम वोटों के साथ जीत हासिल की जा सके। लेकिन गठबंधन के चलते यह सीट सपा के आनंद भदौरिया के पास चली गई। चर्चा है कि मौके का फायदा उठाते हुए बसपा भाजपा छोड़ बसपा का दामन थामने वाले भाजपा के अवध क्षेत्र कार्यसमिति के सदस्य श्याम किशोर को धौरहरा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है। धौरहरा सीट पर सज गई सियासी बिसात

जिले की दो संसदीय सीट खीरी और धौरहरा में दो बार लगातार मोदी लहर की वजह से अब तक ध्वस्त हुए सारे समीकरणों के बावजूद विपक्ष को उम्मीद है कि अगर जातीय समीकरणों की गोलबंदी कर ली जाए, तो सत्तारूढ़ दल को चुनौती दी जा सकती है। धौरहरा ब्राह्मण बहुल सीट है। 

इसलिए चर्चा है कि श्याम किशोर अवस्थी पर बसपा दांव लगा सकती है। भाजपा ने इस बार प्रत्याशियों को तीसरी बार रिपीट करते हुए धौरहरा से रेखा वर्मा और खीरी से अजय मिश्र टेनी को टिकट दिया है। वहीं सपा-कांग्रेस ने धौरहरा से आनंद भदौरिया तो खीरी सीट से उत्कर्ष वर्मा पर दांव लगाया है। बसपा ने इस बार अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान किया है।  

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