चंडीगढ़. पंजाब में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मान सरकार और राज्यपाल के बीच छिड़ा विवाद समाप्त हो गया है. आज रविवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 27 सितंबर को सुबह 11 बजे विधानसभा का तीसरा सत्र बुलाने पर सहमति जताई है. राज्यपाल ने एक पत्र में कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (1) के आधार पर उन्हें प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए वह 27 सितंबर को सुबह 11 बजे सत्र बुला रहे हैं. इसके साथ ही सत्र के आयोजन पर लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम लग गया है.
सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल के अपने पत्र के जवाब से संतुष्ट होने के बाद और सदन में उठाए जाने वाले विधायी कार्यों का विवरण मांगते हुए सत्र बुलाने के लिए सहमत हुए हैं. बताया जा रहा है कि राज्यपाल कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने दोनों पक्षों में तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बैठकें कीं, जिसके बाद राज्य सरकार ने विधानसभा के विधायी कार्यों का विवरण भेजा और राज्यपाल ने अंततः सत्र को बुलाने की अनुमति दे दी.
हालांकि राज्य सरकार ने कहा है कि वह माल और सेवा कर, बिजली की स्थिति और पराली जलाने के मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि सरकार विश्वास प्रस्ताव लाएगी या केवल भाजपा के कथित गुप्त ऑपरेशन लोटस के मुद्दे पर चर्चा करेगी. आप सरकार का दावा है कि उनकी छह महीने पुरानी सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने 22 सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने की योजना बनाई थी. राज्यपाल ने शुरू में सत्र की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में अपनी सहमति वापस ले ली थी. राज्यपाल ने तर्क दिया था कि केवल एक विश्वास प्रस्ताव के लिए कानूनी रूप से सत्र नहीं बुलाया जा सकता है. आप ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि यह अलोकतांत्रिक है और सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी भी दी थी.