ओलंपिक में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने सोमवार को अपने फैंस को दुखी कर दिया। उन्‍होंने आज सोशल मीडिया पर संन्यास की घोषणा की। इतना ही नहीं दीपा ने भविष्य में कोच या मेंटर की भूमिका निभाने के संकेत दिए हैं। 

बहुत सोचने के बाद लिया फैसला 

दीपा करमाकर ने अपनी पोस्‍ट में लिखा, "बहुत विचार करने के बाद मैंने जिम्नास्टिक से संन्यास लेने का फैसला लिया है। यह निर्णय मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन अब सही समय लगता है। जिमनास्टिक मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा रहा है और मैं इसके लिए आभारी हूं।"

बचपन को याद किया 

उन्‍होंने लिखा, "मुझे पांच साल की दीपा याद है, जिसे बताया गया था कि सपाट पैरों के कारण वह कभी जिमनास्ट नहीं बन सकती। आज मुझे अपनी उपलब्धियों को देखकर गर्व होता है। विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना, मेडल जीतना, रियो ओलंपिक में प्रोडुनोवा वॉल्ट का प्रदर्शन करना मेरे करियर का सबसे यादगार पल रहा है। आज उस छोटी सी दीपा को देखकर मुझे बहुत खुशी होती है, क्योंकि उसमें सपने देखने का साहस था।

रियो ओलंपिक में हिस्‍सा‍ लिया

त्रिपुरा की दीपा ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला जिमनास्ट बनीं थीं। उन्‍होंने 2016 में रियो ओलंपिक में हिस्‍सा लिया था। हालांकि, वह मेडल जीतने से चूक गई थीं। वह फाइनल में चौथे स्‍थान पर रही थीं। दीपा ब्रॉन्‍ज मेडल जीतने से सिर्फ 0.15 अंक कम थीं।

दीपा की उपलब्धियां

  • दीपा ने साल 2014 में ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के वॉल्ट फाइनल में ब्रॉन्‍ज मेडल अपने नाम किया था।
  • वह इस उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
  • इतना ही नहीं उन्होंने 2015 में हिरोशिमा में एशियाई चैंपियनशिप में ब्रॉन्‍ज मेडल पर कब्‍जा जमाया।
  • 2015 विश्व कलात्मक जिमनास्टिक चैंपियनशिप में वह 5वें स्थान पर रहीं।

चोट और निलंबन का सामना करना पड़ा

हाल ही में दीपा को चोटों और डोपिंग निलंबन सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्‍होंने 2 बार घुटने की सर्जरी कराई। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उन्हें 21 महीने के लिए निलंबित भी किया। इसके बाद दीपा ने शानदार वापसी की। मई 2024 में ताशकंद में 13.566 के स्कोर के साथ दीपा महिलाओं की वॉल्ट स्पर्धा में टॉप स्‍थान प्राप्‍त कर एशियाई सीनियर चैंपियनशिप में गोल्‍ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट बनीं।

कोच का आभाार जताया 

दीपा ने कोच का आभार जताया। उन्‍होंने लिखा, "मैं अपने कोच बिश्वेश्वर नंदी सर और सोमा मैम को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने पिछले 25 वर्षों से मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे मेरी सबसे बड़ी ताकत बनने में मदद की। मैं त्रिपुरा सरकार से मिले समर्थन के लिए भी बहुत आभारी हूं। जिम्नास्टिक फेडरेशन, भारतीय खेल प्राधिकरण, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन और मेराकी स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट और अंत में, मेरा परिवार, जो मेरे अच्छे और बुरे समय में हमेशा मेरे साथ खड़ा रहा है।

उन्‍होंने लिखा, "भले ही मैं रिटायर हो रही हूं, लेकिन जिम्नास्टिक से मेरा नाता कभी नहीं टूटेगा। मुझे उम्मीद है कि मैं इस खेल को कुछ वापस दे सकूंगी, शायद मेरे जैसी लड़कियों को सलाह, कोचिंग या समर्थन देकर।"