श्रीलंका के राजदूत ने अयोध्या में अशोक वाटिका की शिला समर्पित की

श्रीलंका के राजदूत मिलिंद मोरोगोडा प्रतिनिधिमंडल के साथ गुरुवार को अयोध्या पहुंचे। वे अपने साथ श्रीलंका की अशोक वाटिका की शिला और एक पौधा लेकर आए थे। जिसे उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा है। यह शिला राममंदिर परिसर में स्थापित की जाएगी। उन्होंने रामलला के दर्शन कर आरती उतारी। राममंदिर का निर्माण कार्य भी देखा। इस दौरान मौजूद रामनगरी के संतों से आशीर्वाद भी लिया। राजसदन अयोध्या में श्रीलंका के राजदूत व उनके साथ आए सदस्यों का भव्य स्वागत सम्मान किया गया।

राजसदन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए राजदूत मिलिंद मोरोगोडा ने कहा कि अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण खुशी की बात है। भारत और श्रीलंका की मैत्री बढ़ेगी। इस कदम से दोनों देेशों के रिश्ते मजबूत होंगे। कहा कि श्रीलंका में रामायण की कई निशानियां हैं। कोरोना काल के बाद श्रीलंका का रामायण पर्यटन शुरू हो गया है। हम अयोध्या सहित भारत के लोगों को इस यात्रा के लिए आमंत्रित कर खुशी का अनुभव कर रहे हैं।  इससे पूर्व श्रीलंका के राजदूत व उनके साथ आए। प्रतिनिधिमंडल ने रामजन्मभूमि जाकर रामलला के दर्शन कर पूजन किया। रामलला की आरती भी उतारी। इसके बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को अशोक वाटिका से लाई शिला और अशोक वाटिका वंश का एक पौधा सौंपा। रामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत सम्मान किया।

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल को राममंदिर निर्माण की प्रगति दिखाते हुए बताया कि अभी नींव का काम चल रहा है। दिसंबर 2023 तक रामलला भव्य मंदिर में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। राजसदन में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र द्वारा श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत सम्मान किया गया।

रामजन्मभूमि में दर्शन के दौरान सांसद लल्लू सिंह, नगर विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा भी मौजूद रहे। जिन्होंने श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल की अगुवानी की। श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल में राजदूत की पत्नी जेनिफर मोरागोडा, डिप्टी राजदूत निलुका, मंत्री एचजीयू पुष्पकुमार, वरिष्ठ प्रधान सचिव दीपक नथानी सहित अन्य शामिल रहे।

लंका में सीता एलिया के रूप में जानी जाती अशोक वाटिका
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता के हरण के बाद रावण ने उन्हें जिस अशोक वाटिका के नीचे रखा था, वह स्थान श्रीलंका में है। लंका में उसे सीता एलिया के नाम से पुकारा जाता है। सीता एलिया आज भी प्राकृतिक रूप से समृद्ध है।

संतों ने कहा-अयोध्या की ओर आकर्षित हो रही पूरी दुनिया
श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल के रामजन्मभूमि में दर्शन-पूजन के दौरान रामनगरी के प्रतिष्ठित संतों की भी मौजूदगी रही। महंत कमलनयन दास ने कहा कि राममंदिर निर्माण की प्रगति संतोषजनक है। जगद्गुरु रामदिनेेशाचार्य ने कहा कि आज पूरी दुनिया अयोध्या की ओर आकर्षित हो रही है, यह सुुखद अनुभूति है। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास ने कहा कि राममंदिर निर्माण से पूरे विश्व के भक्तों को खुशी मिल रही है। महंत सुरेश दास ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष की अब सुखद परिणति देखकर मन प्रसन्न है। महंत मैथिलीरमणशरण, महंत डॉ. रामानंद दास, महंत रामकुमार दास, महंत शशिकांत दास, महंत रामभूषण दास कृपालु, महंत गिरीश दास सहित अन्य संतों के चेहरे पर राममंदिर निर्माण की खुशी बयां हो रही थी।

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