बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बावजूद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी अंतिम रूप नहीं ले पाया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान 35 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि भाजपा 28 सीटें देने तक ही राजी है।
मंगलवार को बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से बातचीत की, लेकिन सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी। बुधवार को चिराग ने कहा कि बातचीत जारी है और जैसे ही निर्णय होगा, जनता को जानकारी दी जाएगी।
इस बीच चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा, "पापा हमेशा कहा करते थे—‘जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो। कदम-कदम पर लड़ना सीखो।’" उनका यह पोस्ट राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया।
चिराग ने अपने एक और पोस्ट में कहा कि वे अपने पिता के दिखाए मार्ग और ‘बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि आगामी चुनाव में उनके पिता के सपनों को पूरा करने का संकल्प पूरा करेंगे।
एनडीए में सीट बंटवारे के मामले में 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी को आठ और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी को पांच सीटें देने का प्रस्ताव है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा इस पर संतुष्ट नहीं हैं। चिराग 40 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते, वहीं मांझी का कहना है कि राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए उन्हें कम से कम आठ सीटें चाहिए।
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि एनडीए के घटक दल एकजुट हैं और जल्द ही सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा।