दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के लिए आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया है। आप के गोवा अध्यक्ष अमित पालेकर का कहना है कि कांग्रेस और आप को मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए था। अगर दोनों मिलकर चुनाव लड़ते तो परिणाम अलग होते। क्योंकि कुछ सीटों पर भाजपा कम अंतर पर जीती है। 

पालेकर ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित हैं, लेकिन आप ने इसे जनता का फैसला मानकर स्वीकार कर लिया है। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में हार के अंतर को देखते हुए अगर कांग्रेस और आप ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो इससे मदद मिलती।

उन्होंने कहा कि हमने कुछ चीजों को कम करके आंका। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की हार में सत्ता विरोधी लहर ने भी भूमिका निभाई। उन्होंने एक्स पर लिखा कि हम भाजपा के पक्ष में दिल्ली के लोगों के बहुमत के फैसले को स्वीकार करते हैं। हम उन सभी के आभारी हैं जो आम आदमी पार्टी के साथ खड़े थे। भाजपा और आप के बीच वोटो में दो प्रतिशत का अंतर यह दर्शाता है कि पार्टी ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए रखी है। 

उन्होंने कहा कि नतीजे चौंकाने वाले थे लेकिन साथ ही उन्होंने हमें दिल्ली और भारत के लोगों के लिए और अधिक काम करने की ऊर्जा दी है। आप अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में गोवा सहित पूरे भारत में अपनी ईमानदार राजनीति को जारी रखेगी।

भाजपा की 27 साल बाद वापसी, आप का 12 साल का शासन खत्म
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीती हैं। भाजपा 27 साल बाद सत्ता में वापस लौट रही है। चुनावी नतीजों के मुताबिक आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटों पर जीत हासिल कर सकी। इससे आम आदमी पार्टी का 12 साल के शासन का अंत हो गया। भाजपा ने आप के सभी वरिष्ठ नेताओं को हरा दिया है। आप के संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज समेत तमाम बड़े नेता चुनाव हारे हैं। भाजपा की इस प्रचंड जीत ने दिल्ली की राजनीति को नया आकार दिया है।