नई दिल्ली। देश में लागू हुए तीनों नए आपराधिक कानून (Three New Criminal Laws) को दिल्ली में सख्ती से लागू किया जाएगा। इन कानूनों के कार्यान्वयन के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा सहित अन्य अधिकारियों के साथ राजनिवास में समीक्षा बैठक की।
बैठक में कानून को लागू करने में आ रही परेशानी सहित दूसरे विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई। बैठक में अधिकारियों ने एलजी को कानून को लागू करने के बारे में विस्तार से बताया।
8वीं बार हुई बैठक
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, एलजी ने सीएम आतिशी (Delhi CM Atishi) के साथ तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए 8वीं बैठक की अध्यक्षता की। इसमें उन्हें बताया गया कि मेडिको-लीगल, पुलिस, आईटी और न्यायिक बुनियादी ढांचे के आवश्यक सुधार के संदर्भ में अब तक की प्रगति संतोषजनक रही है।
आम नागरिकों के लाभ के लिए कानून
वहीं, एलजी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bhartiya Nagrik Suraksha Sanhita) और भारतीय साक्ष्य संहिता (Bhartiya Sakshya Sanhita) आम नागरिकों के लाभ के लिए कानूनों को सरल बनाने के उद्देश्य से दूरगामी कानून हैं।
उन्होंने उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों को इन कानूनों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और जनशक्ति को उन्नत करने का निदेश दिया। साथ ही कहा कि इस सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निर्धारित समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाए।
दिल्ली से सोमवार को रवाना हुई 21 विशेष ट्रेनें
दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर सोमवार को छठ पूजा में घर जाने वालों की भीड़ लगी रही। पूर्व दिशा की प्रत्येक ट्रेन में भीड़ है। जनरल कोच के साथ ही स्लीपर कोच में भी यात्रियों को परेशानी हो रही है। कई लोग पूरी यात्रा खड़े होकर या शौचालय के पास बैठकर कर रहे हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही है।
सोमवार को दिल्ली से पूर्व दिशा के लिए 21 विशेष ट्रेनें रवाना की गईं। इसके बाद भी भीड़ कम नहीं हो रही है। रेलवे स्टेशनों विशेषकर नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर सामान की जांच कराने के लिए यात्रियों की लंबी लाइन लग रही है।
कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफार्म पर जाने की अनुमति है। अनारक्षित टिकट वालों को ट्रेन आने के बाद प्लेटफार्म पर भेजा जा रहा है। रेलवे प्रशासन को उम्मीद थी कि इससे आरक्षित कोच के यात्रियों को असुविधा नहीं होगी। भीड़ प्रबंधन में भी आसानी होगी।