दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री और कालकाजी से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने मंगलवार को चुनाव आयोग को पत्र लिख भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के भतीजे पर मारपीट करने और धमकाने का आरोप लगाया है। आतिशी ने ट्वीट कर लिखा है, कालकाजी में हार के डर से रमेश बिधूड़ी जी के भतीजे और रिश्तेदार गुंडागर्दी पर उतर आए। कल (सोमवार) शाम को भाजपा वालों ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को डराया, धमकाया और जोर-जबरदस्ती की। कई महिला कार्यकर्ताओं के साथ भी बदतमीजी की। चुनाव अधिकारियों को चिट्ठी लिख कर इन गुंडों पर कार्यवाही की मांग की है। साथ ही कालकाजी विधान सभा क्षेत्र में पैरा-मिलिट्री फोर्स की तैनाती के लिए कहा है।

आतिशी ने पत्र में क्या लिखा...
मैं यह पत्र औपचारिक रूप से आपके ध्यान में लाने के लिए लिख रहा हूं कि 20 जनवरी 2025 को गली नंबर 1, गोविंदपुरी, कालकाजी में आप कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने की घटना हुई। रेखा बस्सी, संजय गुप्ता, मणि मंटा, आराधना, सुनीता पांडे, शेर सिंह, हरि शंकर गुप्ता और अन्य सहित आप कार्यकर्ताओं को कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मौखिक और शारीरिक रूप से धमकाया गया।

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'घर बैठ जाओ, हाथ पैर टूट जाएंगे'
कुणाल भारद्वाज, मनीष, ऋषभ बिधूड़ी (जो भाजपा उम्मीदवार श्री रमेश बिधूड़ी के भतीजे हैं) सहित भाजपा सदस्यों ने संजय गुप्ता और अन्य लोगों को धमकाया, गालियां दीं, उनका कॉलर पकड़ा और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। खास बयानों में शामिल थे "घर बैठ जाओ, हाथ पैर टूट जाएंगे, यह हमारे घर का चुनाव है।" वहां मौजूद आप कार्यकर्ताओं ने विवाद का एक हिस्सा रिकॉर्ड कर लिया। इसी तरह का विवाद 3-4 दिन पहले हुआ था, जहां भाजपा कार्यकर्ता ने डोर-टू-डोर प्रचार कर रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया था।

नहीं हो रही कोई कार्रवाई
भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी चुनाव प्रचार के दौरान मेरे बारे में सार्वजनिक रूप से अभद्र और अपमानजनक बयान दे रहे हैं। मीडिया में रिपोर्ट आने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बदसलूकी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। यही कारण है कि यह हिंसा और धमकी शुरू हुई है। ये भाजपा कार्यकर्ता बिना किसी डर के खुलेआम आप कार्यकर्ताओं को धमका रहे हैं। यह चिंताजनक है कि अगर ये कार्यकर्ता आप कार्यकर्ताओं के साथ इतने आक्रामक हो रहे हैं, तो कोई भी कल्पना कर सकता है कि इन इलाकों में रहने वाले मतदाताओं पर इनका कितना प्रभाव होगा।