बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। इस दौरान नीतीश और लालू ने 2024 के संसदीय चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के प्रयासों के बीच वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। बिहार की राजनीति के दो दिग्गजों के बीच बैठक ऐसे दिन हुई, जब नीतीश सरकार के डिप्टी और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए।
इससे पहले पिछले साल अगस्त में बिहार के मुख्यमंत्री ने राजद सुप्रीमो से पटना में मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने राजद सुप्रीमो के आवास पर उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान लालू यादव के दोनों बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव भी मौजूद थे। लालू यादव अगस्त में ही उपचार के बाद बिहार लौटे थे। इस दौरान नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, वामदल, समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी। उन्होंने 2024 में भाजपा के खिलाफ एक मंच पर साथ आने की अपील भी की थी।
मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई विपक्षी नेताओं से भी मिलेंगे
राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने के बाद नीतीश कुमार मीसा भारती के घर गए, जहां लालू प्रसाद रह रहे हैं। नीतीश ने लालू प्रसाद से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। सूत्रों की मानें तो उन्होंने मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की। अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान नीतीश कुमार के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई विपक्षी नेताओं से मिलने की उम्मीद है।
विपक्षी एकता की कर चुके हैं पैरवी
इससे पहले नीतीश कुमार ने कई मौकों पर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाने की सलाह दी थी। फरवरी में नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा था कि यदि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ते हैं, तो भाजपा 100 सीटों से कम पर सिमट जाएगी। पूर्णिया में महागठबंधन (ग्रैंड अलायंस) की एक रैली को संबोधित करते हुए जद (यू) सुप्रीमो ने कहा था कि कांग्रेस को इस संबंध में जल्द फैसला लेना होगा।