दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओखला सीट से जीत दर्ज करने वाले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अमानतुल्लाह खान ने पार्टी की हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है. उनका कहना है कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी का सिर्फ एक ही मकसद था और वो ये है कि किसी भी तरह से आम आदमी पार्टी को हराया जाए. पार्टी जीतने के लिए मैदान में नहीं उतरी थी.
रविवार को अमानतुल्लाह खान पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे . इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जीतने के बाद भी उन्हें वो खुशी नहीं है जो होनी चाहिए, क्योंकि हमारे कई नेताओं को चुनाव में हार मिली है, पार्टी के नेता और सरकार आज नहीं रही इस बात का काफी अफसोस है.
‘AIMIM और कांग्रेस का मकसद AAP को हराना था’
वहीं चुनाव परिणाम में AIMIM और कांग्रेस की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों की वजह से बीजेपी को फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि AIMIM और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का मकसद आम आदमी पार्टी को हराना था. इनका मकसद जीतना नहीं था, इन पार्टियों की वजह से सिर्फ AAP को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर आज AAP चुनाव हारी है तो कही न कहीं इनका भी कही न कही बहुत बड़ा रोल है.
‘AAP से बेहतर काम करके दिखाए बीजेपी’
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पिछले 10 सालों में दिल्ली के विकास के लिए काफी काम किया है. अब बीजेपी की सरकार आ गई है तो पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए की पॉजिटिव अप्रोच के साथ काम करे, लोगों के लिए काम करे और AAP ने जो काम राजधानी में किए हैं उन कामों को जारी रखे और AAP से बेहतर काम करके दिखाए. उन्होंने कहा की बीजेपी हर तबके, हर वर्ग के लोगों के लिए काम करे चाहे वो दलित हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो या हिंदू हो.
‘AAP मजबूत थी इसलिए गठबंधन के लोगों ने सपोर्ट किया’
उन्होंने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन के लोगों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को इसलिए सपोर्ट किया क्योंकि पार्टी मजबूत थी. वहीं कांग्रेस कही नहीं थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूरी ताकत इस बात पर लगी थी कि किस तरह से AAP को हराया जाए उसका मकसद जीतना नहीं बल्कि AAP को हराना था.
ओखला सीट पर AAP नेता अमानतुल्लाह खान की यह लगातार तीसरी जीत है. उन्होंने बीजेपी के मनीष चौधरी को 23639 वोटों से शिकस्त दी. खान को कुल 88943 वोट मिले. हालांकि इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत AAP के कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं AAP महज 22 सीटों पर कब्जा करने में कामयाब रही.