दिल्ली चुनाव: वोटर बनने में महिलाएं पीछे, किसी भी सीट पर पुरुषों के बराबर नहीं

राष्ट्रीय राजधानी की महिलाएं मतदाता बनने में पुरुषाें से काफी पीछे हैं। यह स्थिति तब है, जब दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश कर रहे राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की भरमार है। सभी दल महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी अंतिम मतदाता सूची को देखें तो पुरुष मतदाताओं से महिलाओं की संख्या काफी कम है। इस बार दिल्ली में कुल 1,55,24,858 मतदाता हैं। इनमें पुरुष 85,49,645 और महिलाएं 71,73,952 हैं।

दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में किसी में भी महिलाएं पुरुष मतदाताओं से आगे नहीं हैं। ओखला विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा करीब 60 हजार के अंतर से महिलाएं पुरुषों से पीछे हैं, तो तिलक नगर विधानसभा में सबसे कम 2649 के अंतर से पीछे हैं। मतदाता सूची पर नजर डालें तो 19 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर एक से 10 हजार के अंतर से महिलाएं पुरुषों से पीछे हैं। वहीं, 33 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर 10 से 20 हजार के अंतर से महिलाएं पुरुषों से पीछे हैं। दूसरी तरफ 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 18 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या काफी कम है। यहां पर 20 से 60 हजार तक के अंतर से महिलाएं पीछे हैं।

मतदान करने में पुरुषों की बराबरी कर रहीं महिलाएं
भले ही राजधानी में मतदाताओं में महिलाएं पुरुषों से काफी पीछे हों, लेकिन मतदान करने में वह पुुरुषों की बराबरी कर रही हैं। दिल्ली का पहला चुनाव 1993 में हुआ था। इसमें महिलाएं मतदान फीसदी में पुरुष मतदाताओं से 6.29 फीसदी पीछे रहीं थीं। इसके बाद के सभी चुनावों में महिलाओं के मतदान फीसदी में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 1998 के चुनाव में 4.48 फीसदी, 2003 में 3.37, 2008 में 1.72, 2013 में 0.90, 2015 में 1.14 फीसदी पीछे रहीं। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाएं पुरुष मतदाताओं से मात्र 0.09 फीसदी ही पीछे रही थीं। यह कहा जा सकता है कि महिलाएं पुरुष मतदाताओं के बराबर रहीं।

दिल्ली में महिला नेताओं की नहीं रही कमी
दिल्ली में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री के तौर पर शीला दीक्षित रहीं हैं। वे दिसंबर 1998 से लेकर दिसंबर 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं। इससे पहले 12 अक्तूबर से दिसंबर 1998 तक सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री रहीं। वर्तमान में आतिशी मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में 1993 से लेकर अब तक सबसे ज्यादा समय तक दिल्ली में मुख्यमंत्री के तौर पर महिलाएं रहीं हैं। साथ ही, दिल्ली में राजनीतिक शुरुआत करने वाली कई महिलाएं केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर कर चुकी हैं।

इन सीटों पर सबसे ज्यादा अंतर…
         विधानसभा क्षेत्र/पुरुष मतदाता/महिला मतदाता/अंतर

  • ओखला–219300–160205 –59095
  • बदरपुर–202595–159974—42621
  • बुराड़ी—228702–191426–37276
  • विकासपुरी—247575–214555 –33020
  • किराड़ी——-175815– 143153–32662

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