दिल्ली में 29 नवंबर यानी आज से विधानसभा की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। यह सदन सरकार गठन का आखिरी और अंतिम सत्र होगा। इससे पहले सितंबर में भी विधानसभा का सत्र बुलाया गया था।
चार बजे दिल्ली विधानसभा में बोलेंगे अरविंद केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा का सत्र जारी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सदन में चार बजे संबोधन करेंगे।
जमानत मिलने के बाद पहली बार सदन में पहुंचे सत्येंद्र जैन
सदन में नियम 55 के तहत चर्चा शुरू हुई। आम आदमी पार्टी के विधायकों की ओर से बस मार्शल नहीं लगाए जाने पर चर्चा करने का निर्णय लिया। बहिष्कार के बाद भाजपा विधायक सदन में वापस लौटे। वहीं सत्येंद्र जैन जमानत मिलने के बाद पहली बार विधानसभा में पहुंचे।
सदन में दोनों पक्षों के सदस्यों ने मेज थापा कर उनका स्वागत किया। हाल ही में आम आदमी पार्टी की ओर से जिन तीन विधायकों का टिकट काटा गया है। वह आज सदन में नहीं आए, आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले कैलाश गहलोत भी सदन में नहीं आए हैं, हालांकि उन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है।
भाजपा विधायकों ने किया सदन का बहिष्कार
सदन में प्रश्न काल नहीं कराई जाने का भाजपा ने खड़ा विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार पिछले 1 साल से प्रश्न काल नहीं कर रही है, इस कारण विधायक अपने इलाकों की आवाज नहीं उठा पा रहे, इसके अलावा मंत्री विधायकों के सवालों का जवाब देने से बच रहे है l
दूसरी ओर सदन में नियम 280 के तहत विधायकों की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दे को लेकर भाजपा ने कड़ा विरोध किया, दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को मुद्दे पढ़ने का अवसर दिए बिना उन्हें पढ़ा हुआ माने जाने के निर्देश दिए, भाजपा विधायको ने उनके इस कदम का बड़ा विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार किया।
संजीव झा बोले- ये बस मार्शलों के साथ इंसाफ नहीं
बस मार्शलों के मुद्दे पर आप विधायक संजीव झा ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, इस सदन में कई बार बस मार्शलों के मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है। जिन लोगों को नौकरी नहीं मिल रही थी, वहीं बस मार्शलों को रोजगार मिला। घर परिवार चल रहा था। महिलाएं बसों में सुरक्षित थीं। लेकिन इस घटिया राजनीति की वजह से उनका रोजगार छिन रहे हैं तो भगवान देख रहा है। विपक्ष से सहयोग की मांग की।
विधानसभा में उठा बस मार्शलों का मुद्दा
दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने बस मार्शलों के मुद्दे पर कहा कि भाजपा इसके लिए जिम्मेदार है। हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं। बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए भाजपा के पैर पकड़े, क्योंकि हम दिल्ली की मां, बहन, बेटी को सुरक्षा मिले। बस मार्शलों को रोजगार मिले। भाजपा के लोगों ने बस मार्शलों को हटवाने का काम किया है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोग इनके पास जाते हैं तो ये कहते हैं कि एलजी ने मंजूरी नहीं दी। एलजी साहब और दिल्ली भाजपा के बड़े नेताओं ने बस मार्शलों से मुलाकात की, फोटो खिंचवाई, लेकिन रोजगार नहीं मिला। आज लोग पूछ रहे हैं कि आखिर हमें रोजगार क्यों नहीं दे रहे हैं।