दिल्ली में शैक्षणिक सत्र 2026-27 से पहली कक्षा में दाखिले के लिए बच्चों की न्यूनतम आयु छह साल तय कर दी गई है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत फाउंडेशनल स्टेज के पुनर्गठन के हिस्से के रूप में किया गया है। अब फाउंडेशनल स्टेज में पहले की दो कक्षाओं के बजाय तीन कक्षाएं होंगी। शिक्षा निदेशालय की स्कूल शाखा ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अभिभावकों को इस बदलाव के बारे में सूचित करें।
वर्तमान में फाउंडेशनल स्टेज में नर्सरी और केजी कक्षा शामिल हैं। नर्सरी में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु तीन वर्ष, केजी के लिए चार वर्ष और पहली कक्षा में पांच वर्ष से अधिक निर्धारित है। नए बदलाव के अनुसार, फाउंडेशनल स्टेज में तीन कक्षाएं होंगी:
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नर्सरी (बालवाटिका 1/प्रेस्कूल 1): 3 से 4 साल
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लोअर केजी (बालवाटिका 2/प्रेस्कूल 2): 4 से 5 साल
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अपर केजी (बालवाटिका 3/प्रेस्कूल 3): 5 से 6 साल
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पहली कक्षा: 6 से 7 साल
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि यह नया नियम मौजूदा छात्रों पर लागू नहीं होगा। स्कूलों को नर्सरी से पहली कक्षा तक दाखिले में एक महीने की छूट देने की अनुमति भी दी गई है। इसके अलावा, अगर किसी छात्र ने मान्यता प्राप्त स्कूल से वैध मार्कशीट के साथ पिछली कक्षा पूरी की है, तो उसे अगली कक्षा में दाखिला देने के लिए उम्र संबंधी नियमों में छूट मिल सकती है।
सत्र 2026-27 के लिए 31 मार्च 2026 तक बच्चों की आयु को आधार बनाकर नर्सरी और पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। इस कदम का निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया है। भरत अरोड़ा, अध्यक्ष, एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल ने कहा कि यह निर्णय बच्चों के समग्र विकास में मदद करेगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साकार करने में सहायक होगा।