दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। हालांकि पंजाब में सीजन की सबसे अधिक पराली जलने के बावजूद हवा गंभीर नहीं हुई। विशेषज्ञों ने इसके लिए अनुकूल मौसमी दशाओं को जिम्मेदार बताया है। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक मौसमी दशाओं में खास बदलाव न होने की वजह से हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी। यूपी के नोएडा में AQI 353 पर दर्ज किया गया जबकि देश की राजधानी दिल्ली में AQI 337 दर्ज किया गया है।
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के निदेशक डॉ. गुरफान बेग ने बताया कि शुक्रवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम होने के बाद भी पराली के धुएं की दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में कम हिस्सेदारी रही है। इसकी प्रमुख वजह सतही हवाओं के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाओं की तेज रफ्तार रही। इस वजह से हवा के साथ आने वाले प्रदूषक सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक नहीं रूके, बल्कि आगे निकलते हुए मध्य भारत तक पहुंचे और फैल गए। इस वजह से किसी एक स्थान पर पराली का धुआं जमा नहीं हो सका।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक, पंजाब में बीते 24 घंटे में 3916 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं जो कि सबसे अधिक है। वहीं, हरियाणा में 152, उत्तर प्रदेश में 36, मध्यप्रदेश में 482 और राजस्थान में 95 जगहों पर पराली जलाई गई। सफर के मुताबिक, पराली जलने की वजह से पीएम 2.5 में 19 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है। वहीं, 2.5 माइक्रोमीटर से बड़े कणों की पीएम 10 में 59 फीसदी हिस्सेदारी रही। पीएम 10 का स्तर 323 और पीएम 2.5 का स्तर 199 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, बीते 24 घंटे में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम और रफ्तार आठ से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। साथ ही दिनभर धूप निकलने की वजह से मिक्सिंग हाइट 2250 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 18 हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक दर्ज किया गया। यही वजह रही कि पराली जलने से प्रदूषक पहुंचने के बाद भी इसकी हिस्सेदारी अधिक दर्ज नहीं हुई। विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट 2130 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 20500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक दर्ज किया जा सकता है।
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, अगले दो दिनों तक हवा की रफ्तार बढ़कर 15 से 26 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इस बीच हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम होने की वजह से पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचेगा। सफर के मुताबिक, तेज हवा से प्रदूषकों को छंटने में मदद मिलेगी, लेकिन इस दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाले प्रदूषकों का दर अधिक होगा, जिससे हवा के बिगड़ने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता में गिरावट जारी है। राष्ट्रीय राजधानी में चारों ओर आसमान में सुबह से धुंध छाई हुई है। दिल्ली का वायु प्रदूषण स्तर (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली- एनसीआर में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बहुत खराब श्रेणी 337 में दर्ज किया गया। जबकि, नोएडा में एक्यूआई 353 रिकॉर्ड किया गया है।