दिल्ली के वसंतकुंज के रंगपुरी गांव में पिता सहित चार बेटियों की खुदकुशी करने के मामले की जांच में नया खुलासा हुआ है। हीरालाल के परिजन व रिश्तेदार जब मिलने आते थे तो किसी के लिए दरवाजा नहीं खोला जाता था। वहीं, तीन सदस्यीय डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड बनाया गया है जो पांचों शवों का सोमवार को पोस्टमार्टम करेगा।

दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि हीरालाल का भाई व रिश्तेदार उससे मिलने आते थे, लेकिन वह गेट नहीं खोलता था। हीरालाल सभी से अलग रहने की बात कहता था। वह किसी से कोई संपर्क नहीं रखना चाहता था। 

पुलिस जीतिया पूजा को लेकर भी जांच कर रही है। इस तरह की पूजा केवल मां ही कर सकती है। पुलिस ने स्पाइनल इंजरी अस्पताल के उन दो कर्मचारियों से पूछताछ की है जो हीरालाल के साथ काम करते थे। 

त्योहार पर घर का दरवाजा रहता था बंद
वहीं, पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि उन्होंने कभी हीरालाल के घर पर किसी रिश्तेदार को आते-जाते नहीं देखा। यहां तक की त्योहार के समय भी वह घर का दरवाजा बंद रखते थे। एक महिला ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि वह भी बिहार से हैं। ऐसे में उन्होंने कई बार उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। हीरालाल पड़ोसियों के साथ रिश्तेदारों से भी कटे रहते थे। 

Father and four daughters suicide in Delhi Another new reveal Hiralal did not open gate for his family members

दूर की दुकानों से ही लाते थे राशन
घटनास्थल के पास के दुकानदारों ने बताया कि हीरालाल उनके यहां से बहुत की कम जरूरत का सामान लेते थे। अक्सर वह मंडी या मुख्य बाजार से ही सामान लाते दिखते थे। दुकानदार पिंटू ने बताया कि कुछ समय पहले तक उनकी एक बेटी सामान लेने आती थी। वह दूध-दही या चिप्स खरीदती थी, लेकिन जब वह भी चलने में असमर्थ हो गई तो आना बंद कर दिया। हीरालाल ने कभी उधार का सामान नहीं लिया, जितने रुपये होते थे उतना ही सामान खरीदता था।

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आपको बता दें कि दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में बुराड़ी जैसा सामूहिक खुदकुशी का मामला सामने आया है। वसंतकुंज के रंगपुरी गांव में पिता ने अपनी चार दिव्यांग बेटियों के साथ सल्फास खाकर खुदकुशी कर ली। बेटियां एक कमरे में मृत मिलीं तो पिता हीरालाल दूसरे कमरे में। एक वर्ष पहले  शख्स की पत्नी की कैंसर से मौत होने के बाद बेटियों की देखभाल की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी। इस कारण वह नौकरी पर समय से नहीं जा पाता था। इसलिए उसने नौकरी छोड़ दी थी। 

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6 of 7वसंत कुंज स्थित रंगपुरी गांव में घटना स्थल को देखने के लिए इलाके व बिल्डिंग के लोग हैरान दिखे - फोटो : भूपिंदर सिंहशुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि बेटियों की देखभाल के अलावा वह बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मृतक हीरालाल ने सामूहिक खुदकुशी करने के खौफनाक कदम उठाने से पहले जितिया पूजा भी की थी। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि वसंत कुंज के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों ने आत्महत्या की है, घटना का खुलासा शुक्रवार सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर उस समय हुआ, जब पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।

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घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने मकान मालिक और पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों से अंदर से बंद घर का दरवाजा तोड़ा तो पांच सड़े गले शव दो कमरे में पडे़ हुए थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि पिता हीरालाल ने पहले सभी को सल्फास खिलाया और बाद में खुद खाया। शवों के पास से पुलिस को सल्फास की गोलियां और कमरे के डस्टबिन में जूस के टेट्रा पैक और पानी की बोतल मिली थी।