दक्षिण जिला पुलिस ने अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में रहने के लिए यहां के फर्जी आधार कार्ड व वोटर कार्ड आदि दस्तावेज बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मृदुल मियां, उसकी पत्नी सिंथिया शेख, फरदीन अहमद उर्फ अभी अहमद व उसकी पत्नी रीपा, अफरोज, साहिल सहगल, दीपक मिश्रा, सोनू कुमार, सद्दाम हुसैन, मोहम्मद चांद, रणजीत व बरेली से एक बांग्लादेशी महिला मुन्नी शेख को गिरफ्तार किया गया है। मुन्नी शेख को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस का ये एक्शन दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के बाद हो रहा है। दिल्ली पुलिस राजधानी में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान के लिए विशेष ऑपरेशन चला रही है। घुसपैठ का मामला एक बांग्लादेशी की हत्या के बाद सामने आया था।

20 रुपये में प्रिंट होते थे कागजात
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि जनता प्रिंट्स नाम की एक वेबसाइट से 20 रुपये में ये फर्जी कागजात प्रिंट करते थे। रजत मिश्र नाम का एक आरोपी ये वेबसाइट 2022 से चला रहा है। इसमें बांग्लादेश की भूमिका सामने आ रही है। एक टीम वहां गई है। गिरफ्तार आरोपियों में पांच बांग्लदेशी व सात फर्जी कागजात बनाने वाले हैं।

एलजी के आदेश पर क्यों हो रहा पुलिस का एक्शन?
सचिवालय के अनुसार इसका उद्देश्य दिल्ली में रहने वाले घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना है। मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग के बाद उपराज्यपाल सचिवालय ने यह कदम उठाया है। सचिवालय ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को शिकायत के आधार पर सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए पत्र लिखा है।

कौन क्या करता था
बांग्लादेशी नागरिक
. मृदुल मियां उर्फ आकाश अहमद।
. मृदुल की पत्नी सिंथिया शेख।
. फरदीन उर्फ अभी अहमद
. फरदीन की पत्नी रीपा
(ये चारों सेंटू शेख की हत्या में गिरफ्तार हुए थे)
. मुन्नी शेख।

आधार कार्ड समेत फर्जी कार्ड बनाने वाले
. साहिल- इसकी कंप्यूटर दुकान है।
. रणजीत- इसकी भी कंप्यूटर दुकान है।
. अफरोज- आधार कार्ड बनाता था।

वेबसाइट से जुड़े आरोपी
. सोनू कुमार- इसने जनता प्रिंट नाम से साइट बनाई थी।
. चांद मोहम्मद-कागजातों के पैसे इसके बैंक खाते में आते थे।
. सद्दाम हुसैन- ये पैसे देकर आगे अपना कमीशन लेकर दीपक मिश्रा उर्फ रजत को दे देता था।
. दीपक मिश्रा- ये पैसे को आगे सोनू कुमार को देता था।

18 साल की कम उम्र दिखाकर आधार कार्ड बनवाए
पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने शुरुआत में अपनी उम्र 18 साल से कम दिखाते हुए आधार कार्ड बनवाए थे, क्योंकि दिल्ली में कई केंद्रों पर ऐसे कार्ड बनाना आसान था। 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए कार्ड दिल्ली में सिर्फ़ चार केंद्रों तक सीमित थे। इसके बाद दीपक मिश्रा (34) को अंबाला से पकड़ लिया गया। उसने खुलासा किया कि उसके बहनोई सोनू कुमार ने जनताप्रिंट्स.साइट बनाई थी। सेक्टर 55, नोएडा निवासी सोनू कुमार (31) निवासी को नोएडा से गिरफ़्तार किया गया। यहां से उसने फर्जी वेबसाइट बनाने का तरीका सीखा था। वह नोएडा में एक साइबर कैफे चलाता है।

ऐसे भारत लाया जाता था
बांग्लादेश से अवैध अप्रवास के मार्ग का पता लगाया गया। ये लोग जंगल के रास्तों से भारत में घुसे और बाइक से नजदीकी शहर में ले जाए गए। इसके बाद वे एक्सप्रेस ट्रेनों (आमतौर पर एसी क्लास) से दिल्ली पहुंचे। उन्हें फर्जी आधार कार्ड, अस्थायी सिम कार्ड और यात्रा खर्च के लिए नकद राशि दी गई।