नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने और आम नागरिकों के लिए दवाओं की सुलभता बढ़ाने के उद्देश्य से 10 नई अमृत फार्मेसियों का उद्घाटन किया। ये फार्मेसियां देश भर में मरीजों को सस्ती और भरोसेमंद दवाएं उपलब्ध कराएंगी।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि वर्ष 2015 में शुरू किया गया अमृत नेटवर्क अब 24 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में 255 से अधिक दुकानों तक फैल चुका है। उन्होंने कहा कि इस दशक में अमृत फार्मेसियों ने गुणवत्तापूर्ण दवाओं को आम लोगों के लिए सस्ती और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नए केंद्र अब इन स्थानों पर संचालित होंगे: चंडीगढ़ (पीजीआई न्यूरोसाइंस सेंटर), जम्मू (जीएमसीएच यूनिट-II और राज्य कैंसर संस्थान), एम्स देवगढ़, श्रीनगर (दंत चिकित्सालय), त्रिवेंद्रम (एससीटीआईएमएसटी), मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, आईआईटी जोधपुर, एम्स गोरखपुर और एम्स कल्याणी यूनिट 3।
नड्डा ने बताया कि 2014 में अमृत और जन औषधि केंद्रों की शुरुआत का मकसद देश के सभी नागरिकों को सुलभ, सस्ती और समान स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना था। उन्होंने कहा कि ये केंद्र केवल आवश्यक दवाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी, आर्थोपेडिक्स और अन्य चिकित्सीय सेवाओं के लिए भी विशेष दवाएं और उपकरण प्रदान करते हैं।
अमृत फार्मेसियों में दवाएं और जीवनरक्षक उपकरण प्रायः अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से 50 प्रतिशत तक कम कीमत पर उपलब्ध होते हैं। नड्डा ने बताया कि नेटवर्क के माध्यम से अब तक 6,500 से अधिक दवाएं और चिकित्सा उत्पाद मरीजों तक पहुंचे हैं, जिससे 6.85 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन दुकानों के माध्यम से वितरित दवाओं की कुल लागत अब तक 17,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है और मरीजों की कुल बचत लगभग 8,500 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
अमृत फार्मेसियां देश के सभी एम्स परिसरों और अन्य राष्ट्रीय महत्व के स्वास्थ्य संस्थानों में मौजूद हैं। नड्डा ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड से इस नेटवर्क को दोगुना कर कम से कम 500 केंद्र करने का सुझाव दिया।