दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने में जानबूझकर चूक करने को लेकर सरकार की आलोचना की है। और 19 या 20 दिसंबर को सदन का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दी है। मंगलवार को लिखे अपने पत्र में सक्सेना ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में 14 रिपोर्ट पेश करने में निर्वाचित सरकार की ओर से जानबूझकर चूक की गई है। 

एलजी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि सामान्य तौर पर, एक वर्ष में कम से कम तीन सत्रों के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाता है, लेकिन यह विधायी प्रथा का मजाक है कि दिल्ली सरकार ने पांच वर्षों में केवल पांच सत्र बुलाए। एलजी ने आगे कहा कि दिल्ली विधानसभा के पांचवें सत्र का तीसरा भाग चार दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अभी तक स्थगित नहीं किया गया है। 

एलजी ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि सदन का नेता होने के नाते, स्पीकर के परामर्श से सीएजी रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने के लिए 19 या 20 दिसंबर को विधानसभा की विशेष बैठक बुला सकते हैं, क्योंकि इस मामले में अधिक देर हो रही है और आठवीं विधानसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं। एलजी ने कहा कि मौजूदा विधानसभा और निर्वाचित सरकार का कार्यकाल फरवरी 2025 में समाप्त होने वाला है। यह मुद्दा वर्तमान में विचाराधीन है क्योंकि विपक्षी भाजपा विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें निर्वाचित सरकार को विधानसभा में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है। मंगलवार को याचिका दायर करने वाले विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आप सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाने में विफल रही तो भाजपा फिर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।