राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर एक-समान विचारधारा वाले दलों के विपक्ष के नेताओं की बैठक हुई। उन्होंने रात में अपने घर पर संयुक्त विपक्ष को खाने और बैठक के लिए आमंत्रित किया था। इस बैठक में तृणमूल समेत बाकी दल तो शामिल हुए, लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इसका बहिष्कार किया। बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद हैं।

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बताया जाता है कि राहुल गांधी के सावरकर को लेकर दिए बयान से नाराज शिवसेना के उद्धव गुट बैठक से दूर रहा। एक दिन पहले खुद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि सावरकर को वह आदर्श मानते हैं और उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राहुल को सावरकर का अपमान करने से बचने की सलाह भी दी थी।

बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार, केसी वेणुगोपाल सरीखे कई बड़े नेता शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेताओं के साथ समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, द्रमुक से एम वाइको, जेडीयू के राजीव रंजन, बीआरएस, सीपीआई, आईयीएमएल, एमडीएमके, केसी, आरएसपी, आम आदमी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस, वीसी के, जेएमएम और एसएस के नेता शामिल हुए। टीएमसी की ओर से प्रसून बनर्जी और सौगत राय इस बैठक में शामिल हुए।

बैठक में विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की रणनीति पर चर्चा की और स्ट्रेटजी तैयार की और जेपीसी और राहुल के अयोग्यता मामले में केंद्र को घेरने का फैसला किया। बैठक में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के आदेश की बाबत मिली चिट्ठी पर भी चर्चा हुई। इस पर सभी सदस्यों का कहना था कि यह आदेश कोई मायने नहीं रखता है, क्योंकि अभी कांग्रेस को राहुल गांधी में कानूनी दरवाजा खटखटाना है।

इससे पहले सोमवार सुबह संसद में रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भी टीएमसी शामिल हुई। पार्टी ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ और अदाणी मामले पर निकाले गए विपक्ष के मार्च में भी हिस्सा लिया।

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बैठक और प्रदर्शन में दोनों सदनों के तृणमूल कांग्रेस के नेता नहीं, बल्कि पार्टी के दो सांसद शामिल हुए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा बुलाई गई बैठक में टीमएसी के लोकसभा सदस्य प्रसून बनर्जी और राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार मौजूद थे। तृणमूल कांग्रेस लंबे समय बाद कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की किसी बैठक और प्रदर्शन में शामिल हुई है।

कांग्रेस 35 शहरों में करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • राहुल गांधी की अयोग्यता पर अपने विरोध को तेज करते हुए कांग्रेस 28 और 29 मार्च को 35 शहरों में ‘डेमोक्रेसी डिसक्वालिफाइड’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। साथ ही अदाणी मामले और भगोड़ों को कथित ‘क्लीन चिट’ जैसे अन्य मुद्दों को भी उजागर करेगी। यह जानकारी पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर दी।
  • 28 मार्च को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश के लखनऊ, अजय माकन जम्मू, अशोक चव्हाण तेलंगाना के हैदराबाद और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करेंगे।
  • 29 मार्च 31 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अहमदाबाद, आनंद शर्मा बंगलूरू, सुप्रिया श्रीनेत चंडीगढ़, शक्तिसिंह गोहिल शिमला, मनीष तिवारी तिरुवनंतपुरम, कन्हैया कुमार सूरत, गौरव वल्लभ वाराणसी, पवन खेड़ा मुंबई और सलमान खुर्शीद श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।