दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी अखाड़े में जमकर पसीना बहाया और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया. अब चुनाव प्रचार थम चुका है और कल वोटिंग होगी. चुनाव नतीजे 8 फरवरी को आएंगे. इस बीच सोमवार को नई दिल्ली सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार प्रवेश सिंह वर्मा ने दिल्ली के सियासी माहौल पर अपने बच्चों से बातचीत की. इस दौरान उनके बच्चों ने कई सवाल दागे और पूछा कि अगर राजधानी में बीजेपी की सरकार बनती है तो उनका विजन क्या है?

प्रवेश वर्मा से उनकी बेटी ने सवाल किया कि केजरीवाल ने एक आशंका फैलाई है कि बीजेपी की सरकार आएगी तो वह झुग्गियों को तोड़ देगी, इस पर वर्मा ने कहा कि बेटा तुम्हारे दादू (साहिब सिंह वर्मा) दिल्ली के ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं, तो उन्होंने एक भी नहीं तोड़ी और हमारे मोदी जी 10 साल से प्रधानमंत्री हैं. कोई एक भी झुग्गी नहीं तोड़ी. केजरीवाल लोगों के दिमाग में डर बैठा देते हैं ताकि वो डर से उन्हें वोट कर दें और अभी प्रधानमंत्री ने बोला है कि दिल्ली में एक भी झुग्गी-झोपड़ी नहीं टूटेगी. जब उन्होंने बोल दिया तो ये पीएम की गारंटी हो गई है. आज के दिन में पीएम मोदी की गारंटी से ऊपर कोई चीज नहीं है.

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फ्रीबीज पर प्रवेश वर्मा ने क्या दिया जवाब?

एक अन्य बेटी ने सवाल किया कि पापा आपने केजरीवाल की पॉलिसी अपना लीं कि आप फ्री बस और इलेक्ट्रिसिटी ला रहे हो, लेकिन आपके दिल्ली के लिए क्या विजन हैं, इस पर प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘जो वो (केजरीवाल) बोलते हैं कि फ्रीबीज और रेवड़ी करेंगे, तो वो करते कुछ नहीं हैं. ये हमारे दिमाग में बैठा रखा है. हम जो कहते हैं कि हमारी सरकार आएगी तो हम इन सोशल वेलफेयर स्कीम को बंद नहीं करेंगे, दूसरा हम वास्तविक सभी लोगों तक पहुंचाएंगे. दिल्ली में 11 साल से विकास नहीं हुआ है.’

‘आयुष्मान योजना को लागू नहीं होने दिया’

उन्होंने कहा, ‘देश में 10 साल आयुष्मान योजना चल रही है. दिल्ली में बुजुर्गों को हेल्थ का लाभ नहीं मिलता है. यहां मोहल्ला क्लिनिक चलते नहीं हैं. उनमें इलाज नहीं होता और कोई जाता भी नहीं है. केजरीवाल ने पिछले 10 सालों में आयुष्मान योजना को लागू नहीं होने दिया. दिल्ली में हजारों-लाखों बुजुर्गों को इलाज की जरूरत है, अगर केजरीवाल इसे लागू कर देते तो कितने लोग इसका फायदा उठा सकते थे. उन्होंने केवल इसलिए लागू नहीं किया कहीं इसका क्रेडिट हमारे प्रधानमंत्री को न मिल जाए.’