लोकसभा में पेश हुई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट में वक्फ बोर्ड की घोषित संपत्तियों को लेकर खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि वक्फ बोर्ड की घोषित संपत्तियों में राष्ट्रीय महत्व के करीब 280 स्मारक हैं. वक्फ बोर्ड ने इन्हें अपनी जायदाद घोषित किया हुआ है. ये सभी स्मारकें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित हैं. इन सभी पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया है.

रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी है. उसके पास करीब 9 लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्ति है. बोर्ड के द्वारा घोषित राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों में दिल्ली की कई ऐतिहासिक इमारतें भी शामिल हैं. इनमें कुतुब मीनार, वहां मौजूद आयरन पिलर, फिरोजशाह कोटला, पुराना किला, हुमायूं का मकबरा, जहांआरा बेगम की कब्र, इल्तुतमिश का मकबरा, अग्रेसन की बावड़ी समेत आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा संरक्षित 74 स्मारकों पर भी वक्फ का दावा है.

9 लाख एकड़ से ज्यादा संपत्ति

संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट में देश की जिन ऐतिहासिक स्मारकों का जिक्र है उनकी लिस्ट समिति की सुनवाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सौंपी थी. इन सभी स्मारकों पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया है.जेपीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के करीब 9 लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्ति पर अपना दावा करता है. देश में अगर सबसे ज्यादा जमीन की बात करें तो वह रेलवे के पास है. दूसरे नंबर पर सशस्त्र सुरक्षा बल का आता है. वहीं, वक्फ बोर्ड देश में सबसे ज्यादा जमीन के मामले में तीसरे स्थान पर है.

UP में सबसे ज्यादा संपत्तियां

अगर बात करें कि वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्ति किस राज्य में हैं, तो 2022 में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा वक्फ की अचल संपत्ति को लेकर शेयर की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में वक्फ के नाम से 16,713 चल संपत्तियां और 872,328 अचल संपत्तियां पंजीकृत हैं. यह संपत्तियां राज्यवार के हिसाब से सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में वक्फ के पास 214707 संपत्ति में से सुन्नी समुदाय के पास 199701 और शिया समुदाय के पास 15006 संपत्ति है.