दिव्यांगों के लिए बनेंगी स्पेशल कोर्ट, आतिशी ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

दिल्ली सरकार दिव्यांगों के लिए न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिसके तहत सरकार ने दिव्यांगों के लिए स्पेशल अदालतें स्थापित करने का फैसला लिया है. सूबे की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार दो विशेष अदालतें बनाएगी. सरकार की तरफ से इसके गठन का प्रस्ताव उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेज दिया है.

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि, दिल्ली सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में ये ऐतिहासिक कदम है. सरकार ने न्यायिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर कदम बढ़ाते हुए दिव्यांगों के हित में स्पेशल कोर्ट की स्थापना को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस निर्णय से दिव्यांगों को न्याय तक पहुंचने में आने वाली समस्याओं को कम किया जाएगा और उन्हें जल्द और सुगम न्याय मिल सकेगा.

‘दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य’

मुख्यमंत्री आतिशी ने इस पहल को दिल्ली के न्यायिक सुधारों में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दिव्यांग लोग समाज का बेहद अभिन्न हिस्सा हैं, और उनके अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है. ऐसे में स्पेशल कोर्ट की स्थापना से उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में आने वाली किसी भी परेशानियों से राहत मिलेगी और उनका विश्वास न्याय प्रणाली की और भी ज्यादा मजबूत होगा.

‘कोई भी दिव्यांग व्यक्ति न्याय पाने से वंचित न रहे’

सीएम ने कहा कि स्पेशल कोर्ट के जरिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी दिव्यांग व्यक्ति न्याय पाने से वंचित न रहे. उनके लिए न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाना हमारी प्राथमिकता है. यह निर्णय न्यायिक सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. यह स्पेशल कोर्ट न केवल दिव्यांगों के हितों की रक्षा करेगा, बल्कि समाज में उनके लिए समानता और न्याय के नए रास्ते खोलेगा.

‘दिव्यांगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध’

इसके आगे सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार दिव्यांगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और यह स्पेशल कोर्ट उस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. दिल्ली सरकार का दावा है कि इन स्पेशल कोर्ट के गठन से दिव्यांगों के लिए केस निपटाने की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे अनावश्यक देरी और जटिलताओं से बचा जा सकेगा. कोर्ट को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह दिव्यांग व्यक्तियों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यायिक कार्यवाही संचालित कर सके.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here