राजधानी में भूमि पर अतिक्रमण से निपटने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अब सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। डीडीए के अध्यक्ष और एलजी वीके सक्सेना की ठोस रणनीति के तहत ड्रोन सर्वेक्षण के सुझाव पर अमल करते हुए डीडीए, एमसीडी और सर्वे ऑफ इंडिया को एक साथ मिलकर कार्य करने की पहल की है। इसके तहत एलजी की अगुवाई में डीडीए, एमसीडी और सर्वे ऑफ इंडिया (एसओआई) ने त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

डीडीए अधिकारियों ने बताया कि एलजी खुद लगातार जमीनी स्थिति की कमी को चिह्नित कर रहे थे और व्यक्तिगत रूप से निगरानी भी कर रहे थे। स्पष्टता और वास्तविक जमीनी स्थिति की इस पूर्ण कमी को विभिन्न न्यायालयों ने भी चिह्नित किया।

ड्रोन सर्वे के ट्रायल के परिणाम दिखाए गए

इस माह की अंतिम बैठक में एलजी को 50 वर्ग किमी क्षेत्र में किए गए ड्रोन सर्वे के ट्रायल के परिणाम दिखाए गए थे। परिणाम बहुत उत्साहजनक रहे थे, यहां तक कि एक बाई एक क्षेत्र की उच्च रिजोल्यूशन की फोटो को भी ड्रोन द्वारा स्पष्ट रूप से मैप किया जा रहा था।

अधिकारियों ने बताया कि एलजी ने इस बात पर जोर दिया कि इससे अधिकारी हर नाली, सड़क, अतिक्रमण और यहां तक कि जमीन पर पड़े कचरे तक को देख सकेंगे और उसके अनुसार उपचारात्मक उपायों को लागू कर सकेंगे।

संरचनाओं की सटीक सीमा निर्धारण में मदद

अब किया जाने वाला ड्रोन सर्वेक्षण, क्षेत्रों पर ड्रोन उड़ाने के माध्यम से प्राप्त उच्च स्तर की डेटा सटीकता और उच्च रिजोल्यूशन छवियों जैसे कई लाभ प्रदान करेगा। यह संरचनाओं की सटीक सीमा निर्धारण में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि खसरा परतों की जमीनी सच्चाई अधिक सटीक रूप से की जाए।

वास्तविक समय का डेटा प्राप्त करने में मिलेगी मदद

इस प्रकार प्राप्त हवाई इमेजरी के विविध उपयोग होंगे जिनमें अतिक्रमणों की आसान पहचान, मानचित्रण और निगरानी शामिल है। इससे अतिक्रमण पर वास्तविक समय का डेटा प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे अधिकारियों को शुरुआती चरण में ही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

एमओयू का उद्देश्य सर्वेक्षण और मानचित्रण गतिविधियों द्वारा भू-स्थानिक डेटा उत्पन्न करना है जो संसाधन उपयोग को अधिकतम करने और उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र के तहत सभी क्षेत्रों की व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए डीडीए, एमसीडी और दिल्ली के विभिन्न अन्य विभागों के डेटा के एकीकरण के लिए आधार के रूप में कार्य करेगा।