ऐसे घुसते थे घुसपैठिए: दिल्ली में पकड़े गए नौ बांग्लादेशी, अब डिपोर्ट की तैयारी

गृह मंत्रालय व उपराज्यपाल के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान शुरू कर दी है। इसी कड़ी में मध्य जिला पुलिस ने नौ बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उनको पकड़ा है। इन सभी को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश किया गया।

वीजा खत्म होने के बाद नहीं लौटे
एफआरआरओ ने इनके निर्वासन (डिपोर्ट) का आदेश दिया है। फिलहाल इन सभी को डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया है। पकड़ा गया एक आरोपी अवैध रूप से भारत में घुसा था, बाकी आठ लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद ओवर स्टे रहे थे। लगातार पुलिस राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर रही है।

हो रही डेटाबेस की जांच
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त एम. हर्ष वर्धन ने बताया कि उनकी टीम लगातार बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए काम कर रही है। इसके लिए ऑन ग्राउंड (होटल, गेस्ट हाउस और रिहायशी इलाकों) और डेटाबेस के आधार पर इनकी पहचान करने का प्रयास कर रही है। डेटाबेस में कौन भारत में वीजा लेकर कब आया।

पुलिस कर रही होटल-गेस्ट हाउस में पड़ताल
इसके अलावा वह कहां-कहां गया और वापस अपने देश लौटा या नहीं। इसके अलावा टीम खुद होटल, गेस्ट हाउस या दूसरे स्थानों पर जाकर इसकी पड़ताल में जुटी है। इसी कड़ी में सबसे पहले मोहम्मद इमान हुसैन (41) को जामा मस्जिद इलाके से दबोचा गया। वह एजेंट को 13 हजार रुपये देकर भारत की सीमा में घुसा था।

यूरोप जाने की फिराक में था इमरान
यह दिल्ली में काम की तलाश कर रहा था। इसी दौरान इसे भारत की कोई आईडी बनाकर यूरोप के किसी देश जाना था। दूसरे आरोपी मोहम्मद शरमीन परवेज (43) को भी पुलिस ने जामा मस्जिद से दबोचा है। यह वीजा लेकर भारत आया था। 17 अक्तूबर 2024 को वीजा समाप्त होने के बाद ओवर स्टे कर रहा था। इसे भी कोई आईडी बनाकर यूरोप जाना था।

नबीकरीम के गेस्ट हाउस में मिले सात बांग्लादेशी 
इसके बाद टीम ने नबीकरीम के एक गेस्ट हाउस में छापा मारकर वहां से सात लोगों को पकड़ा, इनकी पहचान रकीब (24), मफुजुल इस्लाम (29), शकील सरकार (24), मोहम्मद मोंजू सरकार (38), शाहीन दानिश (36), ताइजुल इस्लाम (26) और मोइन मियां (19) के रूप में हुई है। सभी ओवर स्टे रहे थे।

दर्ज की गई एफआईआर
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि कई संदिग्धों के दस्तावेजों की जांच के लिए टीम को पश्चिम बंगाल भेजा गया है। एक आरोपी का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बन गया था। उसके आधार पर कमला मार्केट थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई। उस मामले की छानबीन जारी है। पुलिस लगातार इस पर नजर रख रही है।

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