दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे कब होगा चालू, गडकरी ने दी जानकारी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अगले तीन महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर दो घंटे रह जाएगा। फिलहाल दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय पांच से छह घंटे है।

दिल्ल्ली में इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 को संबोधित करते हुए गडकरी ने आगे कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण दो महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे के पूरा होने से दोनों महानगरों के बीच यात्रा का समय वर्तमान 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून राजमार्ग परियोजना के दो पैकेज हैं। 

गडकरी ने कहा, “दिल्ली के कालिंदी कुंज के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है, जो फरीदाबाद तक विस्तारित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले 15-20 दिनों के भीतर इस परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं।”

गडकरी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार वायु प्रदूषण को कम करने, जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने और कृषि आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है। 

उन्होंने कहा, “परिवहन मंत्रालय वायु प्रदूषण के 40 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है… जबकि प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण है, सड़क निर्माण और जीवाश्म ईंधन भी वार्षिक समस्या में इजाफा करते हैं।”

Union minister Nitin Gadkari says Delhi-Dehradun expressway to be completed within three months

मंत्री ने यह भी बताया कि पराली जलाने की समस्या दो साल में हल हो जाएगी। क्योंकि सरकार 400 परियोजनाओं पर काम कर रही है, जो हर साल 200 लाख टन चावल के भूसे को वैकल्पिक ईंधन में बदल देंगी। 

गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 36 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे पर काम कर रहा है। जिससे देश में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, “भारत की लॉजिस्टिक्स लागत 14-16 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह 8 प्रतिशत, अमेरिका और यूरोपीय संघ में 12 प्रतिशत है। हमारा लक्ष्य इसे दो वर्षों में 9 प्रतिशत तक लाना है।” 

मंत्री के अनुसार, इससे भारत के निर्यात में 1.5 गुना बढ़ोतरी होगी और हमें ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के बारे में गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। जहां खराब सड़कों, कानून के खराब क्रियान्वयन और शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण प्रति वर्ष 5,00,000 दुर्घटनाओं में 1,78,000 मौतें होती हैं।

गडकरी ने माना, “पिछले 10 वर्षों में कड़ी मेहनत के बावजूद हम देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में सफल नहीं हुए हैं।” 

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी ब्लैक स्पॉट को ठीक करने, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए बोली मानदंडों में बदलाव करने संबंधी उनके मंत्रालय की हालिया पहल से देश में दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।

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