सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर सोमवार को एक वकील द्वारा जूता फेंकने की कोशिश की गई, जिससे देशभर में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई। इस घटना के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़ा विरोध जताया।

हुड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर इस तरह का घृणित हमला दर्शाता है कि इस व्यक्ति की मानसिकता कितनी विकृत है। उन्होंने कहा, “समाज में ऐसी मानसिकता हम सभी के लिए चिंता का विषय है। केवल वकील को वकालत से डी-बार करना पर्याप्त नहीं होगा, सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

सांसद ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे जातिवादी सोच भी काम कर रही है, जो समाज के लिए खतरनाक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्रवाई इतनी सख्त होनी चाहिए कि देशभर में स्पष्ट संदेश जाए कि भारत संविधान द्वारा संचालित देश है और प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हैं।

घटना का विवरण

सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी वकील ने न केवल मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की, बल्कि नारेबाजी भी की। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आरोपी ने “सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे लगाए। कुछ लोगों ने कहा कि वकील ने सीजेआई पर कागज का रोल फेंकने की कोशिश की।

सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित किया और आरोपी को कोर्ट से बाहर निकाला। इस कारण कुछ समय के लिए कोर्ट की कार्यवाही बाधित रही।

इस अप्रत्याशित घटना ने न केवल न्यायालय के वातावरण को प्रभावित किया बल्कि देश में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की आवश्यकता को भी उजागर किया है।