धौज क्षेत्र की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई उर्फ मुसैब का तीन महीने तक पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर ने ब्रेनवॉश किया। जांच एजेंसियों के अनुसार, मुसैब जम्मू के इमाम मौलवी इरफान अहमद के माध्यम से इस हैंडलर से संपर्क में था। मौलवी इरफान शोपियां का रहने वाला है और उसने मुसैब समेत अब तक सात संदिग्धों को आतंकी संगठनों से जोड़ने का काम किया।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी हैंडलर ने मुसैब से कहा था कि “अल्लाह ने हम सबको बड़े मकसद की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए कुछ सामान तुम्हें दिया जाएगा, जिसे सुरक्षित रखना है और समय आने पर प्रयोग किया जाएगा।” इसके लिए मुसैब को यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर किसी सुरक्षित ठिकाने का चयन करने को कहा गया।
मुसैब ने इसके बाद इमाम और अन्य सहयोगियों की मदद से धौज और फतेहपुर तगा गांव में कई संभावित ठिकानों का निरीक्षण किया। उन्होंने इन स्थानों की फोटो और लोकेशन भी हैंडलर को भेजी। पाकिस्तान स्थित हैंडलर ने फोटो और लोकेशन की समीक्षा के बाद दो ठिकानों को फाइनल किया। इसके बाद मुसैब ने ये मकान किराए पर लिए।
इसके बाद दो अलग-अलग अवसरों पर कुछ लोग इन ठिकानों पर सामान लेकर आए। मुसैब ने उन्हें यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर ही मिलकर सामान अपने ठिकानों तक पहुँचाया। जांच के अनुसार, हैंडलर ने मुसैब से 2–3 बार संपर्क किया और उसे आश्वस्त किया कि उसने नेक काम में मदद की है और सामान जल्द ही उनके पास भेजा जाएगा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह मामला आतंकवाद से जुड़े गंभीर अपराध की तरफ इशारा करता है और आगे की जांच जारी है।